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________________ ऐतिहासिक साहित्य ४६३ ९७ फुट लम्बा और ११ इञ्च चौड़ा मिला है । इन लम्बे विज्ञप्ति-पत्रों में चित्रकारी को भरपूर स्थान दिया गया है। प्रेषण-स्थान का चित्रमय प्रदर्शन किया गया है । बीकानेर से प्राप्त उक्त पत्र के ५५ फुर में बीकानेर के मुख्य बाजार और दर्शनीय स्थानों का वास्तविक और कलापूर्ण चित्रण है। इन पत्रों में जैन संघ के सदस्यों का परिचय, क्षेत्रीय भौगोलिक वर्णन एवं कभी कभी इतिहासविषयक घटनाएँ भी आ गई हैं। आगरा जैन संघ की ओर से युगप्रधान विजयसेनसूरि के पास पाटन में भेजे गये एक विज्ञप्तिपत्र में मुगल सम्राट जहांगीर द्वारा सं० १६१० में आगरा जैन समाज को फरमान दिये जाने की घटना अंकित है । उसमें जहांगीर, शाहजादा खुर्रम तथा राजा रामदास के भी चित्र हैं। चित्रकार प्रसिद्ध शालिवाहन है जो जहांगीरी दरबार के कुशल चितेरों में से है। उसमें आगरे की तत्कालीन जनता का भी अंकन है। इसी तरह मेड़ता से वीरमपुर भेजे गये ३२ फुट लम्बे विज्ञप्तिपत्र में १७ फुट में नाना प्रकार की चित्रकारी दी गई है। __ये विज्ञप्तिपत्र' कुछ तो संस्कृत में और अधिकांश संस्कृतमिश्रित स्थानीय भाषा में लिखे मिलते हैं। ये गद्य और पद्य दोनों में मिलते हैं। संस्कृत में लिखे गये कई विज्ञप्तिपत्र प्रथम श्रेणी के आलंकारिक काव्यों के नमूने हैं। इनमें कई खण्डकाव्य व दूतकाव्य के अच्छे उदाहरण हैं। जैन कवियों ने दत. काव्य का उपयोग इस प्रकार के पत्रों के लिखने में भी किया है। इस प्रकार १. अनेक विज्ञप्तिपत्रों का परिचय श्री अगरचन्द नाहटा ने दिया है। इस विषय में उनके निम्नांकित लेख पठनीय हैं : १. पौने छः सौ वर्ष प्राचीन विज्ञप्तिपत्र, विकास, ..; वीर, २५. १०-१२. २. बीकानेर का सचित्र विज्ञप्तिपत्र, राजस्थान भारती, १.४;वीर, २४.४८. ३. बीकानेर का एक प्राचीन सचित्र विज्ञप्तिलेख, राजस्थान भारती, ४. जयपुरी कलम का एक विज्ञप्तिलेख, भवन्तिका, १.१०. ५. उदय' का सचित्र विज्ञप्तिपत्र, नागरी प्रचारिणी पत्रिका, ५७. २-३; जैन सन्देश, १७. १८. ६. उदयपुर का एक और विज्ञप्तिपत्र, शोधपत्रिका, ४. ३. ७. उपा० मेघविजय के चार विज्ञप्तिलेख, जैन सत्यप्रकाश, १३. .. 1. बीकानेर जैन लेखसंग्रह की भूमिका, पृ० ८७-९४. Jain Education International For Private & Personal Use Only • www.jainelibrary.org
SR No.002099
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 6
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchandra Chaudhary
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1998
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Literature, Kavya, & Story
File Size11 MB
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