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________________ जैन साहित्य का बृहद् इतिहास युक्त 'शब्दानुशासन' व्याकरण ग्रन्थ है । इसे 'मुष्टिव्याकरण' भी कहते हैं । स्वोपज्ञ टीका के साथ यह ४३०० श्लोक - परिमाण है । २४ विक्रमीय १३ वीं शताब्दी में विद्यमान आचार्य मलयगिरि हेमचन्द्रसूरि के सहचर थे। इतना ही नहीं, 'आवश्यक वृत्ति' पृ० ११ में 'तथा चाहुः स्तुतिषु गुरव:' इस प्रकार निर्देश कर गुरु के तौर पर उनका सम्मान किया है । आचार्य हेमचन्द्रसूरि के व्याकरण की रचना होने के तुरन्त बाद में ही उन्होंने अपने व्याकरण की रचना की ऐसा प्रतीत होता है और 'शाकटायन' एवं 'सिद्धहेमचन्द्रशब्दानुशासन' को ही केन्द्रबिन्दु बनाकर है, क्योंकि 'शाकटायन' और 'सिद्धहेम' के साथ उसका खूब साम्य है । मलयगिरि ने अपने व्याख्या-ग्रन्थों में अपने ही व्याकरण के सूत्रों से शब्दप्रयोगों की सिद्धि बताई है । अपनी रचना की मलयगिरि ने अपने व्याकरण की रचना कुमारपाल के राज्यकाल में की है ऐसा उसकी कृवृत्ति के पा० ३ में 'ख्याते दृइये' ( २२ ) इस सूत्र के उदाहरण में 'अदहदरातीन् कुमारपाल : ' ऐसा लिखा है इससे भी अनुमान होता है । आचार्य क्षेमकीर्तिसूरि ने 'बृहत्कल्प' की टीका की उत्थानिका में 'शब्दानुशासनादिविश्वविद्यामयज्योतिः पुञ्जपरमाणुघटितमूर्तिभिः ' ऐसा उल्लेख मलयगिरि के व्याकरण के सम्बन्ध में किया है, इससे प्रतीत होता है कि विद्वानों में इस व्याकरण का उचित समादर था । 'जैन ग्रन्थावली' पृ० २९८ में, इस पर 'विषमपद विवरण' टीका भी है जो अहमदाबाद के किसी भंडार में थी, ऐसा उल्लेख है । इस व्याकरण की जो हस्तलिखित प्रतियाँ मिलती हैं वे पूर्ण नहीं हैं । इन प्रतियों में चतुष्कवृत्ति, आख्यातवृत्ति और कृवृत्ति इस प्रकार सब मिलाकर १२ अध्यायों में ३० पादों का समावेश है परन्तु तद्धितवृत्ति, जो १८ पादों में है, नहीं मिलती । " १. यह व्याकरण-ग्रन्थ अहमदाबाद के लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामन्दिर की भोर से प्राध्यापक पं० बेचरदास दोशी के संपादन में प्रकाशित हो गया है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002098
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhujbal Shastri, Minakshi Sundaram Pillai
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1993
Total Pages336
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Literature, & Grammar
File Size12 MB
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