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________________ प्रथम प्रकरण नन्दी ____ नन्दी और अनुयोगद्वार चूलिकासूत्र कहलाते हैं। चूलिका शब्द का प्रयोग उस अध्ययन अथवा ग्रन्थ के लिए होता है जिसमें अवशिष्ट विषयों का वर्णन अथवा वर्णित विषयों का स्पष्टीकरण किया जाता है। दशवैकालिक और महानिशीथ के अन्त में इस प्रकार की चूलिकाएँ-चूलाएँ-चूड़ाएँ उपलब्ध हैं। इनमें मूलग्रन्थ के प्रयोजन अथवा विषय को दृष्टि में रखते हुए ऐसी कुछ आवश्यक बातों पर प्रकाश डाला गया है जिनका समावेश आचार्य ग्रन्थ के किसी अध्ययन में न कर सके। आजकल इस प्रकार का कार्य पुस्तक के अन्त में परिशिष्ट जोड़कर सम्पन्न किया जाता है । नन्दी और अनुयोगद्वार भी आगमों के लिए परिशिष्ट का ही काम करते हैं । इतना ही नहीं, आगमों के अध्ययन के लिए ये भूमिका का भी काम देते हैं। यह कथन नन्दी की अपेक्षा अनुयोगद्वार के विषय में अधिक सत्य है । नन्दी में तो केवल ज्ञान का ही विवेचन किया गया है जबकि अनुयोगद्वार में आवश्यक सूत्र की व्याख्या के बहाने समग्र आगम की व्याख्या अभीष्ट है । अतएव उसमें प्रायः आगमों के समस्त मूलभूत सिद्धान्तों का स्वरूप समझाते हुए विशिष्ट पारिभाषिक शब्दों का स्पष्टीकरण किया गया है जिनका ज्ञान आगमों के अध्ययन के लिए आवश्यक ही नहीं, अनिवार्य है। अनुयोगद्वार सूत्र समझ लेने के बाद शायद ही कोई आगमिक परिभाषा ऐसी रह जाती है जिसे समझने में जिज्ञासु पाठक को कठिनाई का सामना करना पड़े। यह चूलिकासूत्र होते हुए भी एक प्रकार से समस्त आगमों की-आगमज्ञान की नीव है और इसीलिए अपेक्षाकृत कठिन भी है। नन्दी' सूत्र में पंचज्ञान का विस्तार से वर्णन किया गया है। नियुक्तिकार आदि आचार्यों ने नन्दी शब्द को ज्ञान का ही पर्याय माना है। सूत्रकार ने सर्व १. (अ)मूल-हीरालाल हंसराज, जामनगर, सन् १९३८; शान्तिलाल व. शेठ, गुरुकुल प्रिंटिंग प्रेस, ब्यावर, वि० सं० २०१०; छोटेलाल यति, अजमेर, सन् १९३५, सेठिया जैन ग्रन्थालय, बीकानेर; जैन पुस्तक प्रकाशक समिति, रतलाम, जीवन श्रेयस्कर पाठमाला, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002095
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagdishchandra Jain, Mohanlal Mehta
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1966
Total Pages462
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Canon, & Agam
File Size15 MB
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