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________________ दशम प्रकरण अनुत्त रौपपातिकदशा बारहवें स्वर्ग के ऊपर नव ग्रैवेयक विमान हैं और इनके ऊपर विजय, वैजयन्त, जयन्त, अपराजित एवं सर्वार्थसिद्धये पाँच अनुत्तर विमान हैं। ये विमान सब विमानों में श्रेष्ठ हैं अर्थात् इनसे श्रेष्ठतर अन्य विमान नहीं है । अतः इन्हें अनुत्तर विमान कहते हैं जो व्यक्ति अपने तप एवं संयम द्वारा इन विमानों में उपपात अर्थात् जन्म ग्रहण करते हैं उन्हें अनुत्तरोपपातिक कहते हैं । जिस सूत्र में इसी प्रकार के मनुष्यों की दशा अर्थात् अवस्था का वर्णन है, उसका नाम अनुत्तरौपपातिकदशा' है । । समवायांग में बताया गया है कि अनुत्तरौपपातिकदशा नवम अंग है । यह एक श्रुतस्कन्धरूप है । इसमें तीन वर्ग व दस अध्ययन हैं । नन्दीसूत्र में भी यह बताया गया । इसमें अध्ययनों की संख्या का निर्देश नहीं है । अनुत्तरोपपातिकदशा के अन्त में लिखा है कि इसका एक श्रुतस्कन्ध है, तीन वर्ग हैं, तीन उद्देश्नकाल हैं अर्थात् तीन दिनों में इसका अध्ययन पूर्ण होता है । प्रथम वर्ग में दस उद्देशक अर्थात् अध्ययन हैं, द्वितीय में तेरह एवं तृतीय में दस उद्देशक हैं । इस प्रकार इस सूत्र में सब मिलाकर तैंतीस अध्ययन होते हैं । समवायांग १ ( अ ) अभयदेवविहित वृत्तिसहित - आगमोदय समिति, सूरत, सन् १९२० धनपतसिंह, कलकत्ता, सन् १८७५. (आ) प्रस्तावना आदि के साथ - पी. एल. वैद्य, पूना, सन् १९३२. (इ) अंग्रेजी अनुवाद - L. D. Barnett, 1907. (ई) मूल - जैन आत्मानन्द सभा, भावनगर, सन् १९२१. ( उ ) अभयदेवविहित वृत्ति के गुजराती अनुवाद के साथ - जैनधर्म प्रसारक सभा, भावनगर, वि० सं०, १९९०. (ऊ) हिन्दी टीका सहित - मुनि आत्माराम, जैन शास्त्रमाला कार्यालय, लाहौर, सन् १९३६. (ऋ) संस्कृत व्याख्या व उसके हिन्दी - गुजराती अनुवाद के साथ मुनि घासीलाल, जैन शास्त्रोद्धार समिति, राजकोट, सन् १९५९. (ए) हिन्दी अनुवाद सहित - अमोलक ऋषि, हैदराबाद, वी. सं. २४४६. (ऐ) गुजराती छायानुवाद - गोपलदास जीवाभाई पटेल, जैन साहित्य प्रकाशन समिति, अहमदाबाद, सन् १९४०. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002094
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1989
Total Pages348
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Canon, & Agam
File Size13 MB
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