________________
प्रकरण
अंग ग्रंथों का अंतरंग परिचय : आचारांग
विषय अचेलकता व सचेलकता
आचार के पर्याय प्रथम श्रुतस्कंध के अध्ययन द्वितीय श्रुतस्कंध की चूलिकाएँ
एक रोचक कथा
पद्यात्मक अंश आचारांग की वाचनाएँ
आचारांग के कर्ता अंगसूत्रों की वाचनाएँ देवद्धिगणि क्षमाश्रमण
महाराज खारवेल आचारांग के शब्द ब्रह्मचर्य एवं ब्राह्मण
चतुर्वर्ण सात वर्ण व नव वर्णान्तर
शस्त्रपरिज्ञा आचारांग में उल्लिखित परमत
निर्ग्रन्थसमाज आचारांग के वचनों से मिलते वचन
आचारांग के शब्दों से मिलते शब्द जाणइ-पासइ का प्रयोग भाषाशैली के रूप में
वसुपद
वंद
आमगंध आस्रव व परिस्रव
वर्णाभिलाषा
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org