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________________ जोरावरमल ज्ञानउद्योत अष्टप्रकारी पूजा (श्रावक गुणोपरि ) विधि सं० १८२३ (४३)! इसका प्रारम्भ गद्य से हुआ है, तत्पश्चात् यह दोहा है - शुचि सुगंधवर कुसुमयुत जलसूं श्री जिनराय, भाव शुद्ध पूजन भव कषाय पंक मल जाय। रचनाकाल — संवत् गुण युग अचल इंदु हरषभर गाइये श्री जिनेदु ठीक यही रचनाकाल २१ प्रकारी पूजा का भी बताया गया था और यह भी श्रीमद् देवचंद के नाम से प्रथम रचना के आगे छपी है । भीमसिंह माणेक द्वारा प्रकाशित 'विविध पूजा संग्रह' में भी यह देवचंद के नाम से ही छपी है। आराधना ३२ द्वार नो रास का आदि शासन नायक जिन नमी आराहण पडाग, द्वार बीस अतिदेश थी कहुं विधि शिव सुखभाग। इसमें नवकार आदि से लेकर संलेखना तक आराधन के ३२ द्वार गिनाये गये हैं। वीरचरित्र वेली (गाथा १७) यह पद्यवद्ध है। ९७ गद्य में इन्होंने सम्यकत्वमूल वारव्रत विवरण अथवा बारव्रत नी टीप (सं० १८२६ मागसर शुक्ल ५, गुरुवार, पाटण) लिखा है इसके प्रारम्भ में पद्यबद्ध पाँच दोहों के पश्चात् गद्य प्रारम्भ होता है, यथा “श्री गुरुभ्यो नमः महोपाध्याय श्री ज्ञानसागर गणि चरण कमलेभ्यो नमः संवत् १८२६ वर्षे शाके १६९२ प्रवर्तमाने श्री माघ सुदी दिनें श्री पाडलीपुर वासतव्य बाबू श्री हेमचंद जी ने अपना मनुष्य भव सफल करें कुं श्री जिनोक्त सिद्धांत शैलि प्रमाणे श्री सम्यकत्व मूल बारेव्रत की धारणा कीनी -- - ।" इसमें स्थूलभद्र कोशा और पाटलीपुत्र का उल्लेख करके वहाँ के निवासी सोमचंद के पुत्र हेमचन्द्र का स्मरण किया गया है जिनके लिये यह रचना की गई थी। इसमें ज्ञानसागर और उनके गुरु तपा० पुण्यसागर की भी वंदना की गई है। कवि ने रचनाओं में प्राय: अपना नाम उद्योतसागर ही दिया है, यथा इह विधि जो व्रत धारस्यें, बारसें विषय कषाय, विलसे ज्ञान उद्योत मय, आनंद धन सुखदाय । जै० गु० क० के प्रथम संस्करण में इनका नाम ज्ञानसागर शिष्य ज्ञानउद्योत, उद्योतसागर आदि कई प्रकार से छपा है किन्तु नवीन संस्करण में इनका नाम उद्योतसागर ही दिया गया है । १५३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002093
Book TitleHindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitikanth Mishr
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1999
Total Pages326
LanguageHindi, MaruGurjar
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size11 MB
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