SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 474
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ बस्ता (मुनि) ४५७ गया था' वस्तुतः ये रचनायें वस्ता मुनि की हैं। यह फिर भी स्पष्ट नहीं है कि वस्ता मुनि का रचनाकाल क्या है ? और उनकी गुरुपरंपरा का भी निश्चित पता नहीं है अतः यह कहना कठिन है कि इन रचनाओं के कर्ता वस्ता, वस्तो और वस्तिग में से कौन हैं। इन कवियों के रचनाकाल में शतियों का अन्तराल है। अतः ये सभी अलग-अलग कवि हैं। (ब्रह्म) वादिराज--आपकी एक रचना नेमीश्वर सवैया सं० १७८२ का उल्लेख मिलता है पर अन्य विवरण-उद्धरण अनुपलब्ध विक्रम--आप बँकागच्छीय भोजा जी के प्रशिष्य एवं भीमराज के शिष्य थे। इन्होंने सं० १७०६ कार्तिक शुक्ल ९ भृगुवार को सबडार में 'धन्ना चौपाई' की रचना की। इसके भी उद्धरण अनुपलब्ध हैं। विजयसरि--आपकी एक रचना 'रोहिणी चोढालियु' का उल्लेख देसाई ने किया है । यह रचना सं० १७२७ में की गई, उन्होंने इसका अन्य विवरण और उद्धरण नहीं दिया है। विजयदेवसूरि-आपकी दो रचनाओं--नेमीश्वर रास सं० १७८५ (विज्ञान-ज्ञान भंडार, सूरत) और नेमि राजीमती रास सं० १७८७ का उल्लेख उत्तमचंद कोठारी ने अपनी सूची में किया है, किन्तु उसमें अन्य विवरण-उद्धरण नहीं है । विजय जिनेन्द्र सूरि शिष्य--'स्थूलिभद्र चरित्र बालावबोध' १. मोहनलाल दलीचन्द देसाई--जैन गुर्जर कवियो, भाग १, पृ० २३ (प्र०सं०) और भाग ५ पृ० ३७४ (न०सं०)। २. पुस्तक सची उत्तमचंद कोठारी--प्राप्तिस्थान पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी। ३. मोहनलाल दलीचन्द देसाई-जैन मुर्जर कवियो, भाग ३, पृ० ११४२, (प्र०सं०) और भाग ४, पृ० १४६ (न०सं०) । ४. वही भाग २, पृ० २५१ (प्र०सं०) और भाग ४, प० ३८२(न०सं०)। ५. पुस्तकसूची उत्तमचंद कोठारी-प्राप्तिस्थान पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002092
Book TitleHindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitikanth Mishr
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1997
Total Pages618
LanguageHindi, MaruGurjar
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy