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मरु-गुर्जर की निरुक्ति जनता में प्रचलित जनभाषा बन चुकी थी। रुद्रट के रुद्रालंकार-सूत्र की टीका करते हुए नमिसाधु ने ११ वीं शती में लिखा है कि इसका लक्षण लोक व्यवहार से जाना जाय 'तस्य च लक्षणं लोकादेवसम्यगवधेयम्' अर्थात् नमिसाधु के समय यह लोक प्रचलित जीवन्त भाषा थी। नमिसाधु ने इसके उपनागर, आभीर और ग्राम्य तीन भेद भी गिनाये हैं; वे यह भी बताते हैं कि यह अब तक सिन्धु, मुलतान से चल कर मगध तक फैल चुकी थी अर्थात् समस्त उत्तरभारत में प्रचलित भाषा थी। ___ व्याकरण ग्रन्थों में अपभ्रंश शब्द का प्रयोग वररुचि (३री शती) के प्राकृत-प्रकाश में नहीं मिलता। इससे यह स्पष्ट है कि ३री शती तक यह साहित्य की भाषा नहीं बन सकी थी अतः व्याकरणकारों को उसके विवेचन की आवश्यकता नहीं थी। छठी शताब्दी में चण्ड ने इसका उल्लेख किया है इससे प्रकट होता है कि इस समय तक इसका साहित्य में प्रयोग होने लगा था, वाग्भट्ट ने अपने ग्रन्थ वाग्भट्रालंकार के दूसरे परिच्छेद में 'संस्कृतं, प्राकृतं तस्यापभ्रंशो भूत भाषितं' कह कर इसका संस्कृत, प्राकृत के समान ही महत्त्व घोषित किया है।
हेमचन्द्र द्वारा उदाहृत दोहों से भी यह सिद्ध होता है कि ११वीं-१२वीं शताब्दी तक यह भाषा बड़े व्यापक क्षेत्र की साहित्यभाषा थी। हेमचन्द्र ने १२ वीं शताब्दी में जब इसे व्याकरण के नियमों में बाँध दिया तो यह मात्र साहित्य की भाषा रह गई तथा लोकभाषा के रूप में इसका प्रयोग अवरुद्ध हो गया। हेमचन्द्र के अतिरिक्त लक्ष्मीधर और मारकण्डेय ने भी इसका व्याकरण बनाया। प्रसिद्ध लेखक तारानाथ का अभिमत है कि बौद्ध त्रिपिटक के संस्करण पालि के अतिरिक्त संस्कृत और अपभ्रंश में भी लिखे गये । इस प्रकार हम देखते हैं कि तीसरी शताब्दी की यह आभीरादिगिरा' १. अपभ्रश के प्रभाव विस्तार के साथ आभीरों का नाम जुड़ा हुआ है, इनका
उल्लेख महाभारत, कामसूत्र, विष्णुपुराण, पउमचरिय और प्रयाग तथा नासिक के शिलालेखों में मिलता है। जब अर्जुन, कृष्ण की विधवाओंको लेकर जा रहे थे तो पंचनद प्रवेश के समय आभीरों ने आक्रमण कर उन्हें लूट लिया था। इन्हें यवन, दस्यु और पराक्रमी कहा गया है । क्षत्रप रुद्र दामन के लेख (ई० १८१, नासिक गुंफा) में ईश्वरसेन नामक आभीर राजा का उल्लेख है । लगता है कि ये ईसा की पहली शताब्दी के आस-पास बाहर से आकर पश्चिमोत्तर प्रदेशों में फैलते हुए मथुरा तक आ पहुंचे थे । पशुपालन इनकी प्रधान जीविका थी। कुछ विद्वान् आभीरादि गिरा में ऊकार
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