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________________ प्रास्ताविक : २५ श्रमणाचार का विशाल प्रासाद निर्मित हुआ है । अर्थात् दोनों की आधार भूमि एक ही है । मूलाचार की कई गाथाएँ उसी रूप में अथवा थोड़े-बहुत परिवर्तनों के साथ श्वेताम्बर परम्परा के भी कुछ महत्त्वपूर्ण ग्रन्थों में पाई जाती हैं । यहाँ यह स्पष्ट कर देना उचित है कि अन्तिम रूप से यह कहना कठिन होगा कि अन्य ग्रन्थकारों ने मूलाचार की गाथाएँ अपने ग्रन्थों में समाविष्ट की हैं या मूलाचारकार ने अन्य ग्रन्थों से कुछ गाथाएँ लेकर अपने ग्रन्थ में समाविष्ट की हैं । किन्तु यह तथ्य है कि भगवान् महावीर की निर्ग्रन्थ परम्परा जब दो भागों में विभक्त हुई, तब परम्परा-भेद के पूर्व का समागत श्रुत दोनों परम्पराओं के आचार्यों मुनियों को कंठस्थ था । अतः उन्होंने सर्वमान्य प्रचलित गाथाओं आदि का अपने-अपने अभीष्ट विषय विवेचन के प्रसंग में उसका यथायोग्य स्थानों पर उपयोग किया । इससे मूलाचार की मौलिकता पर कोई असर नहीं पड़ता । यहाँ श्वेताम्बर परम्परा के कुछ ग्रन्थों से मूलाचार की समानता प्रस्तुत है - मूलाचार और आवश्यक निर्युक्ति श्वेताम्बर परम्परा के कुछ आगम ग्रन्थों पर आचार्य भद्रबाहु ने निर्युक्तियाँ बनाईं । इन्हीं निर्युक्तियों में से आवश्यक निर्युक्ति और मूलाचार के षडावश्यक - धिकार में कई समान गाथाएँ पाई जाती हैं ।" उदाहरणार्थ प्रस्तुत हैं मूलाचार आव० नि० मूलाचार आव० नि० मूलाचार आव० नि० पंच य । रागद्दोसकसाये य इंदियाणि य परीस हे उवसग्गे णासयंतो रागद्दोस कसाए इंदिआणि आ परीस हे उवसग्गे नासयंतो णमोऽरिहा ||७|३|| पंच वि । नमोऽरिहा ।। ९९८ ॥ दीहकालमयं जंतू उसिदो अट्ठ कम्महि । सिदे धत्ते णिधत्ते य सिद्धत्तमुवगच्छइ ||७|६|| कम्मंसेसियमट्ठहा । Jain Education International दीहारयं सिअधं तंति सिद्धस्स सिद्धत्तमुपजायइ ।। ९५३॥ बारसंगं जिणक्खादं सज्झायं कथितं बुधे । उपदेसइ सज्झायं तेणुवज्झाउ उच्चदि ।। ७११०॥ बारसंगो जिणक्खाओ सज्झाओ कहिओ बुहेहि । तं उवइसंति जम्हा उवझाया तेण वुच्चति ॥९९७॥ १. अनेकान्त, वर्ष २, किरण, ५, १ मार्च १९३९, पृ० ३२२ । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002088
Book TitleMulachar ka Samikshatmak Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchandra Jain Shastri
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1987
Total Pages596
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size23 MB
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