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सहायक-ग्रन्थ-सूची अंगसुत्ताणि-भाग १, २, ३, सं०-मुनि नथमल, जैन विश्वभारती, लाडनूं, वि०
सं० २०३१. अध्यात्म अमृत-कलश-पं० जगन्मोहनलाल शास्त्री, श्री चंद्रप्रभ दि० जैन मंदिर,
कटनी (म० प्र०) १९८१. अनगार धर्मामृत-पं० आशाधर, माणिकचन्द्र दि० जैन ग्रन्थमाला, बम्बई १९१९. अनगार धर्मामृत- , अनु० १० खूबचन्द्र जैन, श्रुतभण्डार व ग्रन्थ
प्रकाशन समिति, फलटन, वी० सं० २४८१. अनगार धर्मामृत-ज्ञानप्रदीपिका स्वोपज्ञ टीका, संपा० एवं अनु०-६० कैलाशचन्द्र
शास्त्री, भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली, १९७७. अनुयोगद्वार सूत्र-आर्यरक्षित, आगमोदय समिति, बम्बई, १९२४. अन्तकृदशांग सूत्र-व्या० आत्मारामजी, आत्माराम जैन प्रकाशन समिति लुधि
याना, वी० सं० २४९६. अभिधान राजेन्द्र कोश-विजयराजेन्द्र सूरीश्वर, जैन श्वे० संघ, रतलाम
१९१३-१४. अमितगति श्रावकाचार-दि० जैन पुस्तकालय, सूरत, वी० सं० २४८४. अष्टक प्रकरण-हरिभद्रसूरि. अष्ट प्राभृत-आ० कुन्दकुन्द (इसके अन्तर्गत-दंसण, सुत्त, चारित्त, बोध, भाव,
मोक्ख, लिंग, सील-ये आठ पाहुड हैं) प्रका०-परमश्रुत प्रभावक
मंडल, अगास, १९६९. अष्ट पाहुड-अनन्तकीर्ति ग्रन्थमाला, बम्बई, १९१६. अष्टांग-हृदयम्-वाग्भट, व्या० ५० लालचन्द वैद्य, मोतीलाल बनारसीदास,
वाराणसी १९६३. आउर पच्चक्खाण पइण्णा-(आराधनासार के अन्तर्गत संकलित) वीरभद्र महर्षि
प्रका-विजयसिद्धिसूरि ग्रन्थमाला, बीलीमोरा ( गुजरात ) वी.
सं० २४६७. आगम शब्दकोश-सं० युवाचार्य महाप्रज्ञ, जैन विश्वभारती, लाडनू १९८०. आचार्य कुन्दकुन्द और उनका समयसार-डॉ० लालबहादुर शास्त्री, चाँदमल
सरावगी ट्रस्ट, गौहाटी, १९७६.
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