________________
६० : जेन और बौद्ध भिक्षुणी-संघ
णियाँ काषाय रंग का वस्त्र धारण करती थीं । प्राचीन जैन ग्रन्थों में जैन भिक्षु भिक्षुणियों के वस्त्र के रंग के सम्बन्ध में कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है । आचारांग में मात्र यह उल्लेख है कि भिक्षु भिक्षुणी जो वस्त्र ग्रहण करें, उसे रंगें या धोयें नहीं । यद्यपि उससे परवर्ती ग्रन्थ गच्छायार पयन्ना ( गच्छाचार) में स्पष्टरूप से श्वेतवस्त्र धारण करने का उल्लेख है । इसके विपरीत बौद्ध भिक्षु भिक्षुणियों को प्रारम्भ से ही काषाय रंग का वस्त्र धारण करने का विधान था । यहाँ यह भी अवलोकनीय है कि प्रारम्भ में दोनों संघों में भिक्षुणियों के वस्त्र एवं अन्य उपकरण अत्यन्त सीमित थे, परन्तु कालान्तर में क्रमशः उनमें वृद्धि होती गई ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org