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१०६ : जैन और बौद्ध भिक्षुणी संघ
ही कुछ बौद्ध भिक्षुणियों के अलौकिक शक्ति से युक्त होने के वर्णन प्राप्त होते हैं । कुछ जैन भिक्षुणियाँ संलेखना या समाधिमरण द्वारा अपने शरीर का त्याग करती थीं, परन्तु बौद्ध भिक्षुणियों के सम्बन्ध में इस प्रकार शरीर त्याग करने का हमें कोई उल्लेख प्राप्त नहीं होता । भिक्षुणी सिंहा द्वारा आत्महत्या का प्रयास करने का एक आपवादिक उदाहरण अवश्य प्राप्त होता है, परन्तु इसके अतिरिक्त किसी भी अभिलेखिक अथवा साहित्यिक साक्ष्य से दूसरा उदाहरण नहीं प्राप्त होता, जबकि संलेखना करती हुई जैन भिक्षुणियों के अनेकशः उल्लेख प्राप्त होते हैं ।
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