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विषय-सूची
प्रथम अध्याय जैन एवं बौद्ध धर्म में भिक्षुणी-संघ की स्थापना
वैदिक काल में श्रमण-परम्परा एवं स्त्रियाँ (१); उपनिषत्काल में श्रमण-परम्परा एवं स्त्रियाँ (३); रामायण तथा महाभारतकाल में संन्यासिनी (४); जैन धर्म में भिक्षुणी-संघ की स्थापना (६); बौद्ध भिक्षुणी-संघ की स्थापना (७); तुलना (१२); जैन संघ में भिक्षुणी बनने के कारण (१२); बौद्ध संघ में भिक्षुणी बनने के कारण (१५); तुलना (१८); भिक्षुणी-संघ में प्रवेश सम्बन्धी अयोग्यताएँ (१९); जैन भिक्षुणी-संघ में प्रवेश सम्बन्धी अयोग्यता (१९); बौद्ध भिक्षुणी-संघ में प्रवेश सम्बन्धी अयोग्यता (२०); तुलना (२२); प्रव्रज्या और आयु (२३); जैन भिक्षुणी-संघ में प्रवेश के समय आयु (२३); बौद्ध भिक्षुणी-संघ में प्रवेश के समय आयु (२४) दीक्षा-विधि (२५); जैन भिक्षुणीसंघ में दोक्षा-विधि (२५); बौद्ध भिक्षुणी-संघ में दीक्षा-विधि (२६); तुलना (३०) !
द्वितीय अध्याय आहार तथा वस्त्र सम्बन्धी नियम
३२-६० __ जैन भिक्षुणियों के आहार सम्बन्धी नियम (३२); आहार सम्बन्धी दोष (३४); उद्गम के १६ दोष (३५); उत्पादन के १६ दोष (३५); एषणा के १० दोष (३६); परिभोग के ५ दोष (३६); दिगम्बर जैन भिक्षुणियों के आहार सम्बन्धी नियम (३८); बौद्ध भिक्षुणियों के आहार सम्बन्धी नियम (३९); भोजन के लिए बैठने का नियम (४३); तुलना (४३); वस्त्र सम्बन्धी नियम (४४); जैन भिक्षुणी के वस्त्र सम्बन्धी नियम (४४); उपयुक्त वस्त्र (४५); वस्त्रों की संख्या (४६); शरीर के निचले भाग वाले वस्त्र (४७); शरीर के ऊपरी भाग वाले वस्त्र (४७); वस्त्र-गवेषणा सम्बन्धी नियम (४८); वस्त्र का रंग (५०); जैन भिक्षुणी की अन्य आवश्यक वस्तुएँ (५१);
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