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जैन एवं बौद्ध धर्म-दर्शन तथा उनके साहित्य २७ अहिंसा को मुख्य बताते हुए चातुर्याम धर्म का उपदेश दिया।१५ वे चार धर्म हैं- हिंसा न करना (अहिंसा), झूठ न बोलना (सत्य), चोरी न करना (अस्तेय) और धनसंचय न करना (अपरिग्रह)। पार्श्वनाथ का समय महावीर से २५० वर्ष पूर्व माना जाता है। वर्धमान महावीर
वर्धमान महावीर जैनधर्म के चौबीसवें और अन्तिम तीर्थङ्कर हैं। उनका जन्म बिहार प्रान्त के वैशाली जिले में स्थित कुण्डपुर ग्राम में हुआ था। उनके पिता का नाम सिद्धार्थ एवं माता का नाम त्रिशला था। महावीर ने तीस वर्ष की आयु में संन्यास ग्रहण किया
और दीर्घ साधना के बाद ४२ (बयालिस) वर्ष की अवस्था में ऊन्हें कैवल्यज्ञान की प्राप्ति हुई। कैवल्य प्राप्ति के बाद वे लगभग तीस वर्षों तक उपदेश देते रहे और ७२ वर्ष की अवस्था में (ई०पू० ५२७ के लगभग) मध्यम पावा में निर्वाण को प्राप्त हुए।
ई०पू० छठी शताब्दी धार्मिक आन्दोलन का युग था। सभी सम्प्रदाय अपने-अपने मत एवं पन्थ को श्रेष्ठ बताकर दूसरों की निन्दा कर रहे थे। ऐसे समय में विभिन्न मतों एवं सम्प्रदायों के आपसी वैमनस्य को दूर करने के लिए वर्द्धमान महावीर ने अनेकान्त का सिद्धान्त प्रस्तुत किया। यद्यपि महावीर ने किसी नये दर्शन या धर्म की स्थापना नहीं की बल्कि पार्श्वनाथ की निर्ग्रन्थ परम्परा में प्रचलित विचारधाराओं और आचार सम्बन्धी नियमों को संशोधित कर उसे प्रचारित-प्रसारित किया, यथा--- सर्वप्रथम पार्श्वनाथ ने चातुर्याम धर्म का उपदेश दिया तो महावीर ने उसमें ब्रह्मचर्य को जोड़कर पञ्चमहाव्रतों का उपदेश दिया। पार्श्वनाथ ने सचेल धर्म का निरूपण किया तो महावीर ने अचेल धर्म का। महात्मा बुद्ध
जैन धर्म के समान बौद्ध धर्म भी निवृत्तिमार्गी धर्म है। बौद्धधर्म के प्रवर्तक महात्मा बुद्ध का जन्म वैशाख पूर्णिमा को ५६३ ई०पू० हिमालय की तराई में स्थित कपिलवस्तु नामक नगर में हुआ। माता का नाम मायादेवी तथा पिता का नाम राजा शुद्धोधन था। बचपन में वे सिद्धार्थ के नाम से जाने जाते थे। उनका विवाह राजकुमारी यशोधरा से हुआ। सिद्धार्थ ने युवावस्था में ही घर-परिवार छोड़कर संन्यास धारण कर लिया। जिस समय सिद्धार्थ ने गृह-त्याग किया उस समय उनके पुत्र राहुल की अवस्था सात दिन की थी।१६ घोर तपस्या के बाद उन्हें बोधि की प्राप्ति हुई और बुद्ध कहलाये। बुद्ध नाम उन्हें माता-पिता या किसी अन्य के द्वारा नहीं बल्कि बुद्धत्व प्राप्त करने पर प्राप्त हुआ। खुद्दकनिकाय में कहा भी गया है- 'बुद्ध' यह नाम माता-पिता, भाई-बहन, मित्र-सम्बन्धी,
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