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पात्र-परिचय
सूत्रधार
पुरुष पात्र = प्रकरणाभिनय का निर्देशक प्रधान नट = सूत्रधार का सहायक – पारिपार्श्विक = प्रकरण का नायक
नट
मित्रानन्द मैत्रेय । मकरन्द । कुलपति
= मित्रानन्द के मित्र
= प्रशान्तविरोधं नामक आश्रम का घोरघोण नामक छद्मवेषधारी
प्रधान तपस्वी = कुलपति का अनुज
पाद
गजपाद तुन्दिल खर्वशाख गृधाक्ष
= कुलपति के अनुचर
पुरुष
= द्वितीय अङ्क में कामी सिद्ध और षष्ठ एवं दशम अङ्क में
मित्रानन्द। = वरुणद्वीप पर कामकेलि करने वाले जलपति वरुणदेव
पाशपाणि कुन्दप्रभ । मर्कटवर्ण ।
= पाशपाणि के अनुचर
बटु
पुरोधा
= बालतपस्वी = कुलपति का पुरोहित = विषवैद्या जाङ्गुलीदेवी
देवता
द्विज स्थविर वृद्धा
= रङ्गशालापुरी के नागरिक
कालपाश
= रङ्गशालापुरी का सुरक्षाधिकारी
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