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के अनुप्राणन से उपलब्ध विशिष्ट शक्तियां ३२६, प्राणायाम का शरीर पर प्रभाव ३३०। २. लेश्था-ध्यान साधना
३३२-३४७ भावना तया रंग चिकित्सा सिद्धान्त ३३२, लेश्या है-भावधारा (कषाय धारा) ३३३, आभामंडल ३३४, लेश्याध्यान : प्राण शरीर-शुद्धि प्रक्रिया ३३६, लेश्याओं का वर्गीकरण ३३७, लेश्याध्यान और रंग चिकित्सा प्रणाली ३३८, कृष्णलेश्या और काला रंग ३३६, नीललेश्याध्यान और नीले रंग की साधना ३४०, कापोतलेश्याध्यान और हलके नीले रंग की साधना ३४१, तेजोलेश्यान और लाल (अरुण) रंग ३४२, पद्मलेश्याध्यान और पीत (सुनहरा) रंग ३४३, शुक्ल लेश्याध्यान और
श्वेत वर्ण ३४४, जैन साहित्य में लेश्याओं का दृष्टान्त ३४५ । ३. प्राणशक्ति की अद्भुत क्षमता और शारीरिक-मानसिक स्वस्थता ३४८--३६३
मानव-शरीर में व्याप्त प्राणशक्ति ३४८, प्राणशक्ति की चमत्कारी , क्षमता ३४६, विचार संप्रेषण ३४६, शक्तिपात ३५०, प्राणशक्ति और मानसिक एवं शारीरिक स्वस्थता ३५१, मानसिक एवं शारीरिक रोग : कारण और उपचार ३५४, मन का स्वरूप एवं लक्षण ३५४, प्रोजीरिया : समयपूर्व वृद्धावस्था ३५५, सनाव ३५७, तनावमुक्ति के योगिक उपाय ३६०, शारीरिक व्याधियाँ ३६०, शारीरिक व्याधियों के उपचार के दृष्टान्त
३६०, प्राणशक्ति का महत्व और कार्यक्षमता ३६१ । ४. मंत्रशक्ति-जागरण
३६४-३७२ ध्वनि-प्रकंपनों की व्यापकता ३६४, शब्द के उच्चारण के प्रकार ३६५, मंत्र और महामंत्र ३६५, नवकार मंत्र का महामंत्रत्व ३६८, महामंत्र का साक्षात्कार एवं सिद्धि ३६६, मंत्रसिद्धि के लक्षण ३७०, मंत्रसिद्धि के आध्यात्मिक लक्षण ३७१, मानसिक लक्षण ३७०, शारीरिक लक्षण ३७१, मंत्रसिद्धि का अभिप्राय ३७१, मंत्रशक्ति का रहस्य ३७२ । ५. नवकार मंत्र की साधना
३७३-३६५ अद्भुत वैज्ञानिक संयोजन ३७३, महामंत्र के पदों के वर्ण संयोजन, वर्ण-विन्यास और तत्त्वों की विशेषता ३७३, णमो अरिहंताणं पद का वर्णविन्यास और विशेषताएँ ३७४, णमो सिद्धाणं पद का वर्ण विन्यास और विशेषताएं ३७५, णमो आयरियाणं पद का वर्ण विन्यास और विशेषताएँ ३७६, णमो उवज्झायाणं पद का वर्ण विन्यास और विशेषताएँ ३७६. णमो सव्वसाहूणं पद का वर्ण विन्यास और विशेषताएँ ३७७, साधना की विधि
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