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१०८
सख्या
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संख्या
१.
आयुध
रोहिणी
गाय
महाविद्या
(क) श्वे० (ख) दि० (क) श्वे०
प्रज्ञप्ति
मयूर
(ख) दि०
३.
वज्रशृंखला
(क) श्वे०
पद्म
(ख) दि० (क) श्वे०
४.
वज्रांकुशा
चार
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[च] महाविद्या-मूतिविज्ञान-तालिका वाहन
भुजा सं०
चार शर, चाप; शंख, अश्नमाला पद्म
चार शख (या शूल), पद्म, फल, कलश (या वरदमुद्रा) चार वरदमुद्रा, शक्ति, मातुलिंग, शक्ति (निर्वाणकलिका );
त्रिशूल, दण्ड, अभयमुद्रा, फल ( मन्त्राधिराजकल्प ) अश्व
चार ___ चक्र, खड्ग, शंख, वरदमुद्रा
चार ___ वरदमुद्रा, दो हाथों में शृंखला, पद्म (या गदा) पद्म (या गज) चार शृंखला, शंख, पद्म, फल गज
वरदमुद्रा, वज्र, फल, अंकुश (निर्वाणकलिका); खड्ग, वज्र, खेटक, शूल (आचारदिनकर); फल, अक्षमाला.
अंकुश, त्रिशूल (मन्त्राधिराजकल्प) पुष्पयान (या गज) चार अंकुश, पद्म, फल, वज्र ।
___ चारों हाथों में चक्र प्रदर्शित होगा मयूर
चार खड्ग, शूल, पद्म, फल । महिष (या पद्म) ___ चार वरदमुद्रा (या अभयमुद्रा), खड्ग, खेटक, फल चक्रवाक (कलहंस) चार वज्र, पद्म, शंख, फल ।
चार अक्षमाला, गदा, वज्र, अभयमुद्रा (निर्वाणकलिका);
त्रिशूल, अक्षमाला, वरदमुद्रा, गदा (मन्त्राधिराजकल्प) चार मुसल, खड्ग, पद्म, फल
चार वज्र (या पद्म), फल (या अभयमुद्रा), घण्टा, अक्षमाला शरभ (या अष्टापदपशु) चार शर, कार्मुक, असि, फल
५.
गरुड
चार
६.
(ख) दि० अप्रतिचक्रा या चक्रेश्वरी श्वे० जांबूनदा-दि० नरदत्ता (या पुरुषदत्ता) (क) श्वे०
(ख) दि० काली या कालिका (क) श्वे०
७.
पद्म
खजुराहो का जैन पुरातत्व
(ख) दि०
मृग
.
८.
महाकाली
मानव
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