SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 219
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पश्चिम भारत इस अध्याय में कल्पप्रदीप के उन तीर्थों को सम्मिलित किया गया है, जो पश्चिम भारत ( राजस्थान और गुजरात ) की सीमा के अन्तर्गत स्थित हैं । इन प्रान्तों के तीर्थों का अलग-अलग वर्णक्रमानुसार विवरण प्रस्तुत हैपश्चिमी भारत (अ) राजस्थान १ – अर्बदगिरि २ – उपकेशपुर ३ - करटक । करेड़ा ) ४ - नन्दिवर्धन ( नांदिया ) ५ - नागहृद ( नागदा ) ६ - नाणा (नाना ) ७ - पल्ली (पाली ) ८ - फलवधिका ( फलोधी ) ९ - मु ंडस्थल ( मुगथला ) १० - शुद्धदन्ती ( सोजत ) ११ - सत्यपुर ( सांचौर ) अध्याय- --द Jain Education International (ब) गुजरात- सौराष्ट्र १ - अजाहरा ( अजारी ) २ - अम्बुरिणीग्राम ( आमरण ) अणहिलपूर ४ अश्वावबोधतीर्थं ३ ५ – उज्जयन्तगिरि ( गिरनार ) ६- काशहृद - -कोकावसतिपार्श्वनाथ ७ ८ - खेटक ( खेड़ा ) ९ - खङ्गारगढ़ ( जूनागढ़ ) १० - तारण ( तारङ्गा ) ११- द्वारका १२ - नगरमहास्थान ( वडनगर ) १३-- पाटलानगर १४ -- प्रभासपाटन १५ - मोढेरक ( मोढ़ेरा ) १६ – रामसैन १७ – वलभी १८ - वायड १९ - शत्रुञ्जय - For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002075
Book TitleJain Tirthon ka Aetihasik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1991
Total Pages390
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Tirth, & History
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy