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________________ जैन तीर्थों का ऐतिहासिक अध्ययन १७३ ने उक्त प्रतिमा के दर्शनार्थ यहां की यात्रा की थी।' इस प्रकार स्पष्ट होता है कि इस क्षेत्र से जैन धर्म का प्राचीन काल से ही सम्बन्ध रहा है। विदिशा और उसके निकटवर्ती स्थानों से प्राप्त जैन पुरावशेषों से भी इस क्षेत्र में जैन धर्म की प्राचीनता स्पष्ट होती है। हाल में ही विदिशा के निकट दुर्जनपुर नामक स्थान से महाराजाधिराज रामगुप्त के शासन काल की अभिलेखयुक्त ३ जिनप्रतिमायें प्राप्त हुई हैं। इस अभिलेख से गुप्त काल में जैन धर्म की स्थिति के साथ-साथ गुप्तकालीन भारतीय इतिहास पर भी महत्त्वपूर्ण प्रकाश पड़ता है। विदिशा के समीप उदयगिरि नामक पहाड़ी पर २० गुफायें हैं इसमें से पहली और बीसवीं जैन धर्म से सम्बन्धित हैं । २ गुफा नं० २० में गुप्त सम्बत् ५०६ अर्थात् ई. सन् ४१६ का एक लेख उत्कीर्ण है। यह लेख कुमारगुप्त 'प्रथम' । ई० सन् ४१२-४५५ ) के समय का है। अभिलेख के अनुसार पार्श्वनाथ की एक प्रतिमा को गोश्रमण के शिष्य शंकर ने निर्मित कराया। गोश्रमण आर्यकूल के भद्राचार्य के शिष्य थे। इसप्रकार स्पष्ट होता है कि गुप्तयुग में भी इस क्षेत्र में जैन धर्म की लोकप्रियता विद्यमान रही। पूर्व मध्ययुग और मध्य युग में भी इस क्षेत्र में जैन धर्म उन्नत दशा में विद्यमान रहा इस युग में यहां अनेक जिनालयों और उत्कृष्ट जिन प्रतिमाओं का निर्माण हुआ, जिनके अवशेष आज हमें विदिशा और उसके निकटवर्ती स्थानों जैसे उदयगिरि, ग्यारसपुर, बडोह, उदयपुर, वरनगर आदि स्थानों से प्राप्त हुए हैं। ऐसी स्थिति में १४वीं शती में जिनप्रभसूरि द्वारा विदिशा को जैन तीर्थ के रूप में उल्लिखित करना स्वाभाविक ही है। १. जैन, जगदीशचन्द्र-पूर्वोक्त पृ० ५७ । २. जर्नल ऑफ द ओरियण्टल इंस्टिट्यूट, बड़ौदा, जिल्द १८, क्रमांक ३० पृ० ३४७ और आगे। ३. शर्मा, राजकुमार - पूर्वोक्त, पृ० २७३ ४. इन्डियन एन्टीक्वेरी-जिल्द xi पृ० ३०९-१० ५. लेख-पंक्ति-१०, वही, पृ० ३१० ६. घोष, अमलानन्द-पूर्वोक्त, पृ० ३५७ ७. शर्मा, राजकुमार-पूर्वोक्त, पृ० २७२-२९२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002075
Book TitleJain Tirthon ka Aetihasik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1991
Total Pages390
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Tirth, & History
File Size14 MB
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