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________________ १२२ पूर्व भारत के जैन तीर्थ महावीर स्वामी का वैशाली के एक उपनगर कुण्डग्राम में जन्म हुआ था, उनके पिता सिद्धार्थ कुण्डपुर के राजा थे और उनकी माता त्रिशला वैशाली के राजा चेटक की बहन थीं। महावीर के समय कुण्डपुर दो भागों में विभक्त था, एक ब्राह्मणकुण्डपुर कहलाता था और दूसरा क्षत्रियकृण्डपुर। इसी क्षत्रियकुण्डपुर में महावीर का जन्म हुआ था । कुण्डपुर को प्रायः कुण्डग्राम के नाम से भी उल्लिखित किया गया है। कुण्डपुर की भौगोलिक स्थिति के बारे में उत्तरकालीन जैन परम्परा में भ्रान्ति पायी जाती है।' दिगम्बर परम्परा में उनका जन्मस्थान नालन्दा के समीप कुण्डलपुर को माना गया है। जब कि श्वेताम्बर सम्प्रदाय ने मुगेर जिले में स्थित लछुआड़ के समीप क्षत्रियकुण्ड को उनकी जन्मभूमि होने का सम्मान दिया है । ३ वस्तुतः जैन आगमों और पुराणों में उनकी जन्मभूमि के सम्बन्ध में जो उल्लेख प्राप्त होते हैं वे उक्त दोनों स्थानों में से किसीसे सबन्धित नहीं लगते । दोनों ही परम्पराओं में महावीर की जन्मभूमि कुडपुर को विदेह जनपद में स्थित माना गया है और इसीलिए उन्हें विदेहपुत्र, विदेहसुकुमार आदि उपनाम दिये गये हैं तथा स्पष्ट रूप से यह भी बतलाया गया है कि उनके गृहस्थ जीवन के ३० वर्ष विदेह में ही व्यतीत हुए। जिसप्रकार कोशल के निवासी होने से ऋषभदेव कोशलीय कहे जाते रहे, उसी प्रकार वैशाली के निवासी होने के कारण महावीर को भी "वैशालीय' उपाधि सहित आगमों में उल्लिखित किया गया है । इसी लिये आधुनिक विद्वान इस समय मान्य दोनों कुण्डग्रामों में किसी को भी सही न मान कर वैशाली को ही महावीर की जन्मभूमि मानते हैं । वैशाली की पहचान मुजफ्फरपुर जिले के बसाढ़ नामक स्थान से की १. उपाध्याय, बलदेव-"भगवान् महावीरः वैशाली की दिव्य विभूति" वैशालीअभिनन्दनग्रन्थ, पृ० २३७-२४२ २. जैन हीरालाल-भारतीय संस्कृति में जैन धर्म का योगदान, पृ० २२ ३. दूगड़, हीरालाल-श्रमण भगवान् महावीर का जन्मस्थान-क्षत्रियकुंड (मगध जनपद) पृ० ३५ ४. वैशालीअभिनन्दनग्रन्थ, पृ० २४० ५. मुनि कल्याणविजय-श्रमणभगवान्महावीर ( कल्याण विजय शास्त्र संग्रह समिति, जालोर, वि० सं० १९९८ / ई० सन् १९४१ ) भूमिका, पृ० २५-२८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002075
Book TitleJain Tirthon ka Aetihasik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1991
Total Pages390
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Tirth, & History
File Size14 MB
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