SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 130
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जैन तीर्थों का ऐतिहासिक अध्ययन कि किसी अज्ञात स्रोत के आधार पर जिनप्रभसूरि ने उक्त कथानक का उल्लेख किया है। उपरोक्त विवेचन से स्पष्ट है कि ग्रन्थकार ने इस नगरी से सम्बन्धित जिन कथानकों का उल्लेख किया है, वे प्रायः जैन परम्परा पर आधारित हैं, किन्तु उनसे इस तीर्थ के समसामयिक स्थिति के बारे में कोई जानकारी प्राप्त नहीं होती। वर्तमान में यहां उत्खनन से गुप्तयुग से लेकर मध्ययुग तक के अनेक पुरावशेष प्राप्त हये हैं जो ब्राह्मणीय, बौद्ध और जैन परम्परा से सम्बद्ध हैं। इससे स्पष्ट होता है कि यह नगरी ब्राह्मगीय, बौद्ध और जैन धर्म के केन्द्र के रूप में विख्यात रही। यहां के जिनालयों में प्रतिष्ठापित तीर्थङ्करों की प्रस्तर एवं धातु-प्रतिमायें कला की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं। यहां से प्राप्त अनेक पुरावशेष लखनऊ स्थित राजकीय संग्रहालय में संरक्षित हैं।' काम्पिल्य की पहचान उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जनपद के अतर्गत कायमगंज रेलवे स्टेशन से ८ किमी० दूर स्थित वर्तमान कम्पिल नामक स्थान से की जाती है। यहां जैन धर्म के दोनों सम्प्रदायों के अलग-अलग जिनालय हैं, जो अर्वाचीन हैं। __४. कौशाम्बीनगरीकल्प कौशाम्बी वत्स जनपद की राजधानी और प्राचीन भारतवर्ष के प्रमुख नगरियों में एक थी। ब्राह्मणीय, बौद्ध और जैन साहित्य में इसके बारे में विस्तृत विवरण प्राप्त होता है। ब्राह्मणीय परम्परानुसार पौरववंशीय राजाओं ने हस्तिनापुर के बाढ़ से नष्ट हो जाने के पश्चात् कौशाम्बी को अपनी राजधानी बनायी। बुद्ध और महावीर का भी यहां आगमन हआ था। जिनप्रभसूरि ने कल्पप्रदीप के अन्तर्गत इस नगरी का उल्लेख किया है। उनके विवरण की प्रमुख बातें इस प्रकार हैं -- १. बाजपेयी. कृष्णदत्त-संपा० काम्पिल्यकल्प ( कानपुर, १९७८ ई०) पृ० ८० और आगे २. पाण्डेय, राजबली-पुराणविषयानुक्रमणिका, पृ० ८० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002075
Book TitleJain Tirthon ka Aetihasik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1991
Total Pages390
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Tirth, & History
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy