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सामान्य श्रुतधर काल खण्ड २ ] लोकाशाह
[ ७०३ ४. आचार्य क्षितीन्द्र मोहन सेन के कथनानुसार लोकाशाह का जन्म विक्रम
सम्वत् १४८६ के अनन्तर हुआ। तपागच्छीय यति श्री कांति विजय (सत्ताकाल विक्रम सम्वत् १६३६) के अभिमतानुसार 'लोकाशाह न जीवन प्रभु वीर पट्टावली' के पृष्ठ १६१ में लिखा है :
"पा महात्मा नुं जन्म अरहटवाडा ना प्रोसवाल गृहस्थ चौधरी अटक ना सेठ हेमाभाई नी पतिव्रत परायणा भार्या गंगाबाई नी कुक्षी नो
हतो । सम्वत् १४८२ ना कार्तिक शुद पूनम ने दिवसे (जन्म) थयो ।" ६. दिगम्बर आचार्य रत्ननन्दी ने विक्रम सम्वत् १६२५ की अपनी रचना 'भद्रबाहु
चरित्र' में लोकाशाह का जन्म विक्रम को सोलहवीं शताब्दी में......."पाटन के
दशा पोरवाल कुल में होना बताया है। (भद्रबाहु चरित्र, पृष्ठ ६०) ___ मुनि लावण्यसमयजी ने अपनी 'सिद्धान्त चौपाई' नामक रचना में लोंकाशाह के जन्मकाल पर प्रकाश डालते हुए लिखा है :
"सई उगणीस वरस थया, पणयालीस प्रसिद्ध ।
त्यारे पछी लूंको हुई, असमंजस तिगई किद्ध ।।३।। अर्थात् वीर निर्वाण सम्वत् १९४५ तदनुसार विक्रम सम्वत् १४७५ में लोंका शाह का जन्म हुआ और उन्होंने बड़ी असमंजसपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर दी।
लोकाशाह का जन्म-स्थान
कुल और जाति
१. उपयु ल्लिखित क्रम-संख्या (१) के अनुसार मुनिश्री बीका ने लोकाशाह
को बीसा प्राग्वाट कुल का बताया है । आपने लोकाशाह के जन्म-स्थान का
कोई उल्लेख नहीं किया है । २. उपयुल्लिखित क्रम-संख्या (५) के अनुसार तपागच्छीय यति कान्तिविजयजी
ने लोकाशाह का जन्म-स्थान अरहटवाडा बताते हुए इनका जन्म ओसवाल
जाति में होना बताया है। ३. उपर्यु ल्लिखित क्रम-संख्या (६) के अनुसार दिगम्बर प्राचार्य रत्ननन्दी ने
लोकाशाह का जन्म दशा पोरवाल कुल में बताया है ।
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