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श्रमण भ० महावीर के ५१वें पट्टधर प्राचार्य
श्री देव ऋषि (द्वितीय)
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१५८६
वर्ष
जन्म
वीर नि० सं० १५५४ दीक्षा
, , , १५६४ आचार्य पद स्वर्गारोहण
,, , , १६४४ गृहवास पर्याय सामान्य साधुपर्याय
२५ वर्ष प्राचार्य पर्याय
५५ वर्ष पूर्ण संयम पर्याय
८० वर्ष पूर्ण आयु
६० वर्ष प्रभु महावीर की विशद्ध मूल परम्परा के ५० व पट्टधर आचार्य श्री विजय ऋषि के स्वर्गारोहरण के अनन्तर चतुर्विध संघ ने वीर नि० सं० १५८९ में मुनिश्रेष्ठ श्री देव ऋषि (द्वितीय) को प्रभु महावीर के ५१ वें पट्टधर आचार्य पद पर अधिष्ठित किया।
आपने अपनी ५५ वर्ष की प्राचार्य पर्याय से स्वयं विशुद्ध श्रमणाचार का पालन करते हुए अपने साधु साध्वियों के द्वारा भी विशुद्ध श्रमणाचार का पालन करवाया। इसके साथ ही साथ श्रावक-श्राविका वर्ग को भी आगमिक उपदेशों के द्वारा अध्यात्ममूलक भाव परम्परा पर सुदृढ़ बनाये रखा। इस प्रकार श्रमण भगवान् महावीर के धर्मसंघ का ५५ वर्ष तक नेतृत्व करते हुए आपने वीर नि० सं० १९४४ में समाधिपूर्वक ६० वर्ष की आयु पूर्ण कर स्वर्गारोहण किया।
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