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________________ १९०-२५१ २०२ २११ २१९ २५० २५१ २५२-३२६ २५७-२७२ २५७ २५८ २५८ ६. यापनीय परम्परा यापनीय संघ का उद्गमकाल एवं इसका मूल स्रोत यापनीय संघ की मान्यताएँ यापनीय परम्परा द्वारा एक बहुत बड़ा परिवर्तन यापनीय संघ के प्राचीन केन्द्र यापनीय संघ के आश्रयदाता राजवंश ७. द्रव्य परम्पराओं के प्रचार-प्रसार एवं उत्कर्ष में सहयोगी राजवंश गंग राजवंश अमर कृति गंग राजवंश का उद्भव गंग राजवंश के पूर्व पुरुष कदम्ब राजवंश कदम्बवशी राजाओं का शासन काल राष्ट्रकूट राजवंश रट्टवंश के राजाओं की वंशावली होय्सल राजवंश गंगराज चमूपति ८. समन्वय का एक ऐतिहासिक पर असफल प्रयास मन्त्र एवं विद्यासिद्धि की परिपाटी का विधान देवार्चन पर सावधाचार्य सम्बन्धी उद्धरण ९. आगमानुसार जैन श्रमण व श्रमणी का वेष, धर्म-शास्त्र एवं आचार-विचार १०.वीर नि. सं. १००० से उत्तरवर्ती काल की आचार्य परम्परा सामान्य श्रुतधर-काल (१) सामान्य श्रुतधर-काल (२) (iii) For Private & Personal Use Only २७२-२८७ २८० २८७-२९७ २८८ २९८-३२६ ३१८ ३२७-३६७ ३४५ 3५८ ३६८-३७७ ३७८-७९३ ३८२ ३८४ Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.002073
Book TitleJain Dharma ka Maulik Itihas Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimal Maharaj
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year2000
Total Pages934
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, & Parampara
File Size16 MB
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