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भ० महावीर के २८वें पट्टधर प्राचार्य वीरभद्र के समकालीन
२६वें युग प्रधानचार्य श्री हारिल सूरि
अपर नाम (१) हरिभद्र सूरि (प्रथम) (२) हरि गुप्त सूरि
वीर नि. सं. ९४३
"
,६६०
जन्म' दीक्षा सामान्य साधु पर्याय युगप्रधानाचार्यकाल स्वर्ग सर्वायु
" , ६६०-१००१ " , १००१-१०५५
, १०५५ ११२ वर्ष, ५ मास एवं ५ दिन
वीर नि० सं० १००० मे २८वें युगप्रधानाचार्य आर्य सत्यमित्र के स्वर्गस्थ होने के पश्चात् प्रार्य हारिल को चतुर्विध संघ द्वारा युग-प्रधानाचार्य पद पर
आसीन किया गया और इस प्रकार आप जिन शासन के २६वें युगप्रधानाचार्य हुए । आपका क्रमबद्ध पूर्ण जीवन परिचय तो उपलब्ध नहीं होता किन्तु आपके जीवन से सम्बन्धित ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व की घटनाओं के जो यत्किचित् उल्लेख प्राप्त होते हैं, उनसे यह प्रमाणित होता है कि देवद्धिगणि क्षमा-श्रमण के पश्चात् अाप अप्रतिम प्रतिभा सम्पन्न युगपुरुष हुए हैं।
जिस समय हमारे राजनैतिक पराभव के रूप में विदेशी हरण आक्रान्ताओं के विनाशकारी चरण भारतवर्ष पर निरन्तर बढ़ते चले जा रहे थे, उन विदेशियों
एक मान्यता यह भी है :जन्म
वीर नि० सं० ६५३ दीक्षा
वीर नि० सं० ६७० सामान्य साधु पर्याय
वीर नि० सं० ६७० -१००१ युगप्रधानाचार्य पर्याय वीर नि० सं० १००१-१०५५ पूर्वापर युगप्रधानाचार्य के जन्म, दीक्षा आदि के काल पर विचार करने के उपरान्त उपर्यु ल्लिखित मान्यता ही उचित प्रतीत होती है।
–सम्पादक
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