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________________ ७७६ जैन धर्म का मौलिक इतिहास [भ० महावीर और बुद्ध के "बुद्ध का निर्वाण किस वर्ष में हुआ, इसका यथार्थ निर्णय अब तक नहीं हुा । सीलोन' (सिंहल द्वीप, लंका), ब्रह्मा और स्याम में बुद्ध का निर्वाण ई० संवत से ५४४ वर्ष पूर्व होना माना जाता है और ऐसा ही आसाम के रोजगुरु मानते हैं। चीन वाले ई० सं० पूर्व ६३८ में उसका होना मानते हैं। चीनी यात्री फाहियान ने, जो ई० सन् ४०० में यहां आया था, लिखा है कि इस समय तक निवारण के १४६७ वर्ष व्यतीत हुए हैं। इससे बुद्ध के निर्वाण का समय ई० सन् पूर्व (१४६७-४००)=१०६७ के आस-पास मानना पड़ता है। चीनी यात्री हुएनत्सांग के निर्वाण से १००वें वर्ष में राजा अशोक (ई० सन पूर्व २६६ सें २२७ तक) का राज्य दूर-दूर फैलना बतलाया है । जिससे निर्वाणकाल ई० स० पूर्व चौथी शताब्दी के बीच पाता है । डॉ० बलर ने ई० स० पूर्व ४८३२ और ४७२-१ के बीच ६, प्रोफेसर कर्न ने ई० स० पूर्व ३८८ में, फर्गसन ने ४८१ में, जनरल कनिंगहामा ने ४७८ में, मैक्समूलर'' ने ४७७ में, पडत भगवानलाल इन्दरजी ने ६३८ में (गया के लेख के आधार पर), मिस डफ१२ ने ४७७ में, डॉ० बार्नेट 3 ने ४८३ में डॉ० फ्लीट'४ ने. ४८३ में और वी० ए० स्मिथ१५ ने “ई० स० प्र० ४८७ या ४८६ में निर्वाण होने का अनुमान किया है।" मनि कल्याण विजयजी ने अपनी पुस्तक "वीर निर्वारण संवत और जैन कालगणना" में अपनी प्रोर से प्रबल तर्क रखते हए यह सिद्ध करने का प्रयास किया है कि महात्मा बुद्ध भगवान् महावीर से वय में २२ वर्ष ज्येष्ठ थे और बुद्ध १ कार्पस इन्स्क्रिप्शन्म इण्डिके शन्स (जनरल कनिंगहाम संपादित), जि० १ की भूमिका, २ लि. ". जि. २ युसफुल टेबल्स, पृ० १६५ । ३ वही ४ वी. बु, रे वे. व; जि. १ की भूमिका, पृ० ७५ ५ बी. बु. रे. वे. व ; जि. १, पृ० १५० ६ इंग; जि. ६, पृ० १५४ ।। ७ साइक्लोपीडिया ऑफ इण्डिया जि. १, पृ० ४६२ ८ काम इन्स्क्रिप्शन्म इण्डिकेशन्स जि. १ की भूमिका, पृ० ६ ६ वही १० म. हि. ए. सं. लि; पृ० २६८ . ११ ई. ए. जि. १०, पृ० ३४६ १२ इ. क्रॉ. इं,१०६ १३ बा. ए. ई., पृ० ३७ . १४ ज. रॉ. ए. सो. ई. स. १९०६, पृ० ६६७ १५ स्मि. अ, हि. ई., पृ० ४७, तीसरा संस्करण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002071
Book TitleJain Dharma ka Maulik Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimal Maharaj
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year1999
Total Pages954
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, Tirthankar, N000, & N999
File Size16 MB
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