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जैन धर्म का मौलिक इतिहास [पूर्वभव की साधना श्वेताम्बर मान्यता---
दिगम्बर मान्यता १. नयसार ग्राम चिन्तक । १. पुरुरवा भील २. सौधर्मदेव
। २. सौधर्म देव ३. मरीचि
३. मरीचि ४. ब्रह्म स्वर्ग का देव
४. ब्रह्म स्वर्ग का देव ५, कौशिक ब्राह्मरण (अनेक भव) ५. जटिल ब्राह्मण ६. पुष्यमित्र ब्राह्मण
६. सौधर्म स्वर्ग का देव ७. सौधर्मदेव
७. पुष्यमित्र ब्राह्मण ८. अग्निद्योत
८. सौधर्म स्वर्ग का देव ६. द्वितीय कल्प का देव
६. अग्निसह ब्राह्मण १०. अग्निभूति ब्राह्मण
१०. सनत्कुमार स्वर्ग का देव ११. सनत्कुमारदेव
११. अग्निमित्र ब्राह्मण १२. भारद्वाज
१२. माहेन्द्र स्वर्ग का देव १३. महेन्द्रकल्प का देव
१३. भारद्वाज ब्राह्मण १४. स्थावर ब्राह्मण
१४. माहेन्द्र स्वर्ग का देव १५. ब्रह्मकल्प का देव
स स्थावर योनि के असंख्य भव १६. विश्वभूति
१५. स्थावर ब्राह्मण १७. महाशुक्र का देव
१६. माहेन्द्र स्वर्ग का देव १८. त्रिपृष्ठ नारायण
१७, विश्वनन्दी १६. सातवीं नरक
१८. महाशुक्र स्वर्ग का देव २०. सिंह
१६. त्रिपृष्ठ नारायण २१. चतुर्थ नरक (अनेक भव, अन्त
२०. सातवीं नरंक का नारकी में पहली नरक का नेरिया) २१. सिंह २२ पोट्टिल (प्रियमित्र) चक्रवर्ती २२. प्रथम नरक का नारकी २३. महाशुक्रकल्प का देव
२३. सिंह २४. नन्दन
२४. प्रथम स्वर्ग का देव २५. प्राणत देवलोक
२५. कनकोज्वल राजा २६. देवानन्दा के गर्भ में
२६. लान्तक स्वर्ग का देव २७. त्रिशला की कुक्षि से भगवान् २७. हरिषेण राजा
महावीर २८. महाशुक्र स्वर्ग का देव
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