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________________ ४८३ बाललीला] भगवान् श्री पार्श्वनाथ उत्तरपुराण के अनुसार इन्द्र ने बालक का नाम पार्श्वनाथ रखा।' बाललीला नीलोत्पल सी कान्ति वाले श्री पार्श्व बाल्यकाल से ही परम मनोहर और तेजस्वी प्रतीत होते थे । अतुल बल-वीर्य के धारक प्रभ १००८ शुभ लक्षणों से विभूषित थे । सर्प-लांछन वाले पार्श्व कुमार बालभाव में अनेक राजकुमारों और देवकुमारों के साथ क्रीड़ा करते हुए उडुगण में चन्द्र की तरह चमक रहे थे। पार्श्वकुमार की बाल्यकाल से ही प्रतिभा और उसके बुद्धिकौशल को देख कर महारानी वामा और महाराज अश्वसेन परम संतुष्ट थे। गर्भकाल से ही प्रभ मति, श्रति और अवधिज्ञान के धारक तो थे ही फिर बाल्यकाल पूर्ण कर जब यौवन में प्रवेश करने लगे तो आपकी तेजस्विता और अधिक चमकने लगी । आपके पराक्रम और साहस की द्योतक एक घटना इस प्रकार है : पार्श्व को वीरता और विवाह महाराज अश्वसेन एक दिन राजसभा में बैठे हुए थे कि सहसा कुशस्थल नगर से एक दूत आया और बोला- "कुशस्थल के भूपति नरवर्मा, जो बड़े धर्मप्रेमी साधु-महात्माओं के परम उपासक थे, उन्होंने संसार को तृणवत् त्याग कर जैन-श्रमण-दीक्षा स्वीकार की और उनके पुत्र प्रसेनजित इस समय राज्य का संचालन कर रहे हैं। उनकी पुत्री प्रभावती ने जब से आपके पुत्र पार्श्वकूमार के अनुपम रूप एवं गुणों की महिमा सुनी, तभी से वह इन पर मुग्ध है। उसने यह प्रतिज्ञा कर रखी है कि मैं पार्श्वनाथ के अतिरिक्त अन्य किसी का भी वरण नहीं करूंगी। माता-पिता भी कुमारी की इस पसंद से प्रसन्न थे, किन्तु कलिंग देश के यवन नामक राजा ने जब यह सुना, तो उसने कुशस्थल पर चढ़ाई की प्राज्ञा देते हुए भरी सभा में यह घोषणा की-"मेरे रहते हुए प्रभावती को ब्याहने वाला पाव कौन है ?" ऐसा कह कर उसने एक विशाल सेना के साथ कुशस्थल नगर पर घेरा डाल दिया । उसका कहना है कि या तो प्रभावती दो या यद्ध करो। कुशस्थल १ जन्माभिषेककल्याणपूजानिवृत्यनन्तरम् । पाभिधानं कृत्वास्य, पितृभ्यां तं समर्पयन् ।। [उत्तरपुराण, पर्व ७३, श्लोक १२] For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.002071
Book TitleJain Dharma ka Maulik Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimal Maharaj
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year1999
Total Pages954
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, Tirthankar, N000, & N999
File Size16 MB
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