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ब्रह्मदत्त चक्रवर्ती ]
भगवान् श्री अरिष्टनेमि
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एक दिन अचानक ही महाराजा ब्रह्म का देहावसान हो गया । शोकसन्तप्त परिजन, पुरजन श्रौर काशीपति आदि चारों मित्र राजानों ने ब्रह्म का अन्त्येष्टि संस्कार किया । उस समय ब्रह्मदत्त की आयु केवल बारह वर्ष की थी, अत: काशीपति आदि चारों नृपतियों ने मन्त्ररणा कर यह निश्चय किया कि जब तक ब्रह्मदत्त युवा नहीं हो जाय तब तक एक-एक वर्ष के लिए उन चारों मित्रों में से एक नरेश काम्पिल्यपुर में ब्रह्मदत्त का और काम्पिल्य के राज्य का श्रभिभावक अथवा प्रहरी की तरह संरक्षक बन कर रहे ।
इस सर्वसम्मत निर्णय के अनुसार प्रथम वर्ष के लिए कोशलनरेश दीर्घ को ब्रह्मदत्त और उसके राज्य का संरक्षक नियुक्त किया गया और शेष तीनों राजा अपनी २ राजधानी को लौट गये ।
कथा विभाग में कहा गया है कि कोशलपति दीर्घ बड़ा विश्वासघाती निकला । शनैः-शनैः उसने न केवल काम्पिल्य के कोष और राज्य पर ही अपना अधिकार किया, अपितु अपने दिवंगत मित्र की पत्नी चुलना को भी कामवासना के जाल में फँसा कर अपना मुंह काला कर लिया और कोशल एवं काम्पिल्य के यशस्वी राजवंशों के उज्ज्वल भाल पर कलंक का काला टीका लगा दिया ।
कुलशील को तिलांजलि दे कर दीर्घ और चुलना यथेप्सित कामकेलि करते हुए एक दूसरे पर पूर्ण श्रासक्त हो व्यभिचार के घृरिणत गर्त में उत्तरोत्तर गहरे डूबते गये ।
चतुर प्रधानामात्य धनु उन दोनों के पापपूर्ण प्राचरण से बड़ा चिन्तित हुआ । उसे यह आशंका हुई कि ये दोनों कामवासना के कीट किसी भी समय बालक बह्मदत्त के प्राणों के ग्राहक बन सकते हैं । अतः उसने अपने पुत्र वरधनु के माध्यम से कुमार ब्रह्मदत्त को पूर्ण सतर्क रहने की सलाह दी और अपने पुत्र को अहर्निश कुमार के साथ रहने की आज्ञा दी ।
मन्त्री पुत्र वरधनु से अपनी माता के व्यभिचारिणी होने की बात सुनकर ब्रह्मदत्त वज्राहत सा तिलमिला उठा। सिंह - शावक की तरह अत्यन्त क्रुद्ध हो वह गुर्राने लगा । एक कोकिल और काक को साथ-साथ बांध कर दीर्घं और चुलना के केलिसदन के द्वार पर जाकर बड़ी क्रोधपूर्ण मुद्रा में ब्रह्मदत्त बार-बार तीव्र स्वर में कहने लगा-- "श्री नीच कौए ! तेरी यह धृष्टता कि इस कोकिल के साथ केलि कर रहा है ? तुम दोनों का प्रारणान्त कर मैं तुम्हारी इस दुष्टता का तुम्हें दण्ड दूंगा ।"
कुमार की इस आक्रोशपूर्ण व्याजोक्ति को सुनकर दीघं उसके अन्तर्द्वन्द्व को भाँप गया । उसने चुलना से कहा - "देखा प्रिये ! यह कुमार मुझे कौश्रा और तुम्हें कोकिल बताकर हम दोनों को मारने की धमकी दे रहा है ?"
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