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सा. ने इस ग्रन्थ के परिमार्जन व परिवर्द्धन में बड़े श्रम के साथ जो अपना अमूल्य समय दिया, उसके लिए हम आचार्य श्री के प्रति हार्दिक आभार प्रकट करते हैं।
प्रस्तुत ग्रन्थ माला के प्रधान सम्पादक श्री गजसिंह राठौड़ ने द्वितीय संस्करण के सम्पादन में शोध आदि के माध्यम से जो श्रम किया है, उसे कभी नहीं भुलाया जा सकता।
द्वितीय संस्करण सहृदय पाठकों की प्रगाढ़ रुचि एवं अत्यधिक मांग के कारण स्वल्प समय में ही समाप्त हो गया अतः तृतीय संस्करण के शीघ्रतः प्रकाशन में हमें गौरव मिश्रित हर्ष का अनुभव हो रहा है। यह संस्करण जैन इतिहास समिति एवं सम्यग्ज्ञान प्रचारक मण्डल के द्वारा संयुक्त रूप से प्रकाशित किया जा रहा है।
पारसचन्द हीरावत चन्द्रराज सिंघवी अध्यक्ष
मंत्री जैन इतिहास समिति
चेतनप्रकाश डूंगरवाल विमलचंद डागा अध्यक्ष
मंत्री सम्यग्ज्ञान प्रचारक मण्डल
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