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परिनिर्वाण ]
भगवान् श्री सुपार्श्वनाथ,
परिनिर्धारण
बीस लाख पूर्व की कुल आयु में से पाँच लाख पूर्व कुमार अवस्था में, चौदह लाख कुछ अधिक पूर्व राज्य-पद पर और बीस पूर्वांग कम एक लाख पूर्व तक सम्यक् चारित्र का पालन कर जब आपने अपना अन्त समय निकट समझा तो एक मास का अनशन कर पांच सौ मुनियों के साथ चार प्रघाति-कर्मों का क्षय, करके फाल्गुन कृष्णा सप्तमी को सिद्ध, बुद्ध और मुक्त होकर निर्वाण पद प्राप्त किया ।
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