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परिनिर्वाण]
भषवान् श्री संभवनाथ
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अवधि ज्ञानी
नौ हजार छः सौ (६,६००) चौदह पूर्वधारी
दो हजार एक सौ पचास (२,१५०) वैक्रिय लब्धिधारी
उन्नीस हजार आठ सौ (१६,८००) वादी
बारह हजार (१२,०००) साधु
दो लाख (२,००,०००) साध्वी
तीन लाख छत्तीस हजार (३,३६,०००) श्रावक
दो लाख तिरानवे हजार (२,६३,०००) श्राविका
छः लाख छत्तीस हजार (६,३६,०००)
परिनिर्वाण चार पूर्वांग कम एक लाख पूर्व वर्षों तक केवली पर्याय में रहकर आप चैत्र शुक्ला छठ को मृगशिर नक्षत्र में अनशन पूर्वक शुक्ल ध्यान के अन्तिम चरण में सिद्ध, बुद्ध, मुक्त एवं निवृत्त हो गये।
आपने पन्द्रह लाख पूर्व वर्ष कुमार अवस्था में, चार पूर्वांग सहित चवालीस लोख वर्ष पूर्व राज्य-शासक अवस्था में और कुछ कम एक लाख पूर्व वर्ष दीक्षा अवस्था में बिताये । इस प्रकार सब मिलाकर साठ लाख पूर्व वर्षों का आपने आयुष्य पाया।
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