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________________ तीर्थंकर की वाणी के ३५ गुण ] भगवान् ऋषभदेव ( ४ ) कवलाहार (स्थूल आहार) का (८) शरीर का निर्मल और छाया नहीं होना रहित होना, ( ५ ) भगवान् पर कोई उपसर्ग नहीं ( ६ ) नेत्रों के पलकों का नहीं होना, गिरना, (६ ) समवसरण में चतुर्मुख दिखना, (१०) नख-केशों का सम होना । (७ ) अनन्त ज्ञान के कारण सर्व विद्याओं का ईश्वर होना, देव-कृत १४ अतिशयरे :(१) चहुँ दिशाओं का निर्मल होना । (२) आकाश का मेघरहित व स्वच्छ होना । (३) पृथ्वी का धन-धान्य प्रादि से भरा पूरा होना। (४) सुगन्धित वायू का चलना ।। (५) देवताओं द्वारा सुगन्धित जलवृष्टि होना। (६) योजनपर्यन्त पृथ्वी का दर्पण सम उज्ज्वल होना। (७) विहार के समय चरणों के नीचे कमल की रचना होना। (८) आकाश में जय-जयकार होना । (8) सम्पूर्ण जीवों को परम प्रानन्द का प्राप्त होना। (१०) पृथ्वी का कण्टक पाषाणादि से रहित होना। . (११) सहस्रार वाले धर्मचक्र का प्रागे चलना। (१२) विरोधी जीवों में परस्पर मैत्री होना। (१३) ध्वजासहित अष्टमंगल का विहार के समय मागे चलना। (१४) अर्धमागधी वाणी द्वारा भव्य जीवों को तृप्त करना। श्वेताम्बर व दिगम्बर परम्पराओं का तुलनात्मक विवेचन श्वेताम्बर और दिगम्बर परम्परा के अतिशयों में संख्या समान होने पर भी निम्नलिखित अन्तर है : Pres. . ' केवली भगवान् के कवलाहार का प्रभाव पाया जाता है। उनकी आत्मा का इतना विकास हो चुका होता है कि स्थूल भोजन द्वारा उनके दृश्यमान देह का संरक्षण अनाव'श्यक हो जाता है। उनके शरीर-रक्षण के निमित्त बल प्रदान करने वाले सूक्ष्म पुद्गल परमाणुओं का आवागमन बिना प्रयत्न के हुमा करता है । २ देवकृत चौदह अतिशय :देव रचित है चारदश, अर्धमागधी भाश । प्रापस माही मित्रता, निर्मल दिश प्राकाश ।। होत फूल फल ऋतु सबै, पृथिवी काच समान । चरण कमल तल कमल है, नभ ते जय जय बान ।। मन्द सुगन्ध बयारि पुनि, गंधोदक की वृष्टि । भूमि विष कण्टक नहीं, हर्षमयी सब सृष्टि ।। धर्मचक्र प्रागे रहैं, पुनि बसु मंगलसार । अतिशय श्री अरहंत के"..........." """" Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002071
Book TitleJain Dharma ka Maulik Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimal Maharaj
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year1999
Total Pages954
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, Tirthankar, N000, & N999
File Size16 MB
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