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________________ अव्यय संधि शब्द संग्रह (गृहसामग्री) चारपाई---पलियंको पीढा-पीढं चौकी-चउपाइया, आसणं सोफा-सुहोववेसिया (सं) बेंच-कट्टासणं कुर्सी---वेत्तासणं, आसंदी (सं) मेज-पायफलगं (सं) काष्ठ का तख्ता-फलगो काठशय्या-कट्ठसेज्जा टूथपाउडर-दंतचुण्णं (सं) एनक--उवनेत्तं (सं) दांत का ब्रुश-दंतधावणं (सं) झूला-ढोला टूथ पेष्ट-दंतपिट्ट (सं) ईट-इट्टा सीमेंट-पत्थर चुण्णं साजी---सज्जिआ साबुन-सव्वक्खारो (सं) फिटकरी-सोरट्ठिया मोम-सीअं (दे.) गोंद-णिय्यासो पंखा--विजणं धातु संग्रह आभोय--ध्यानपूर्वक देखना परिणिव्वा-शांत होना मल-धारण करना आरोव-आरोपित करना आराह-आराधना करना उप्फिड-उछलना साव-शपथखाना, सुनाना अइवत्त-उल्लंघन करना णिव्विस-वहन करना सीअखेद करना अव्यय संग्रह पच्छा (पश्चात्)-बाद में चिअ, चेअ (चैव)-ही जओ (यतः)--क्योंकि झत्ति (झटिति)--शीघ्र तंजहा (तद्यथा)-जैसे तप्पभिइ (तत्प्रभृति)-इसको आदि करना पुन्ह (युष्म) शब्द याद करो। बेखो-परिशिष्ट १ संख्या ५१) अग्पयसंधि स्वरान्त या अनुस्वारान्त पद से परे अव्यय हो तो उस संधि को अव्यय संधि कहते हैं । अनुस्वार से परे व्यंजन द्वित्व नहीं होता है । नियम १. (पदारपेा ११४१) पद से परे अपि अव्यय के आदि अ का लोप विकल्प से होता है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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