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________________ परिशिष्ट ६ ५७३ चर्चा करना-चंप (५१) चलना-री (८३)चर छानना-गाल (४६) चला जाना—पक्कम (६८) छिडकना-आइंच (४२) उप्फुस चांपना-चंप (५१) (४७) सिंच (६२) चाटना-लिह (८६) छिन्न-भिन्न करना-छिंद (१६) चाहना-कंख (४५)दय (५७) देव छिपना-लुक्क (८६) णिलीअ, (५६) अहिलंघ, अहिलंख, णिलुक्क, णिरिग्ध, लिक्क, वच्च, वम्फ, मह, सिह, विलुप ल्हिक्क, निलिज्ज (१०१) (१०७) छिपाना-गोव (५०) चिंतन करना-विचित (२५)भाव छीनना-हर (६१)आहर (६६) (६५)धा (६६)पडिसंचिक्ख छीनना हाथ से-ओअन्द, उद्दाल, (७६) संझाम (६६) __ अच्छिन्द (१०४) चिंता करना--चित (२८) छीलना (छिलना)-तक्ख (२६) चित्र बनाना -चित्त (x) आलिह तच्छ (३१) चच्छ, रम्प, रम्फ (१०७) चिह्न से पहचानना-आलक्ख । ४४) छूना-फरिस (३७) फंस (६१) चिपकना-रा(८३) आमुस (६२) फास, छिव, छिह, आलुङ्ख, आलिह, पम्हुस (१०७) चिल्लाना-अल्ल (१४) आरड छेद करना (छेदना)-छिद(१६) (४३) आरस (४३) रस (८३) विध (२५) कराल (४५)लाय णीहर (१०४) (८५)लुअ(८६) चुंबन लेना-चुंब (१२) छोडना-मुंच (७) चय (२६) परिहर चुगली करना--पिसुण (१६) (३१)पक्खिव (६८)पडिमुंच चुनना-चिण (२४) (७६) मुअ (८२) हाह (६१) चुपडना (घी, तेल आदि से)-चोप्पड छड, अवहेड, मेल्ल, उस्सिक्क चुराना-मुस (३४) रेअव, जिल्लुञ्छ, धंसाड (१०२) चूर्ण करना-चुण्ण (१५) दार (५७) जंभाइ लेना-विअंभ (५०) जम्भा (१०५) चूर-चूर करना-संचुण्ण (३५) जमना-संखा (१००) चेष्टा करना—ववस (८६). जलना-डह, दह (७) संजल (३१) चोपडना मालिश करना-मक्ख (६५) तेअव, सन्दुम, सन्धुक्क, अब्भुत्त, चोरी करना---पम्हुस (६०) पलीव (१०५) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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