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प्राकृत वाक्यरचना बोध
(२५)जूर, विसूर, खिज्ज
खेलना-देखो क्रीडा करना खोजना-देखो ढूंढना खोदना-खण (२८) खोदना (पत्थर आदि पर
अक्षर आदि लिखना)-उक्किर (८२)
कहना--आलोअ (६७) गूंथना---गुभ (५०) गण्ठ (१०४) ग्रहण करना-ओग्गह (९)
आइ (४२) आया(४३)पत्त (५०)पगिह (६६)पडिगाह (७४)पडिच्छ (७४) लय (८४) वल, गेह, हर, पङ्ग,
निरुवार, अहिपच्चुअ (१०७) ग्रहण करना (अच्छी तरह)-सुसमा
हर (७३) सारक्ख (६४)
ग
गति करना-दव (५७) वा (६०) गमन करना-दूइज्ज (५६) देखो
जाना गरजना-घुरुक्क (५०) थण (५४)
गज्ज (१०४) गरजना सांड का-ढिक्क (१०३) गर्म करना-ताव (३६) गलना-गल (४८) णिटुह, विगल
घिसना (रगडना)-घस्स (५०) घुडकना–धुरुक्क (५०) घूमना-गम (६) अट्ट (२४) विहर
(२५) विचर (२६)परिअट्ट (३२) पडिभम (७६) आहिंड (६६) घुल, घोल, घुम्म, पहल्ल
(१०४) घृणा करना----दुगुञ्छ (११)झुण,
दुगुच्छ, जुगुच्छ (१००)
गले लगाना-आलिंग (४४) गाना-गा(४६) गा (१००) गाली देना-अक्कोस (३५) सव
(५२)पडिकोस (७४) गिनती करना—कल (४६) संखा
गिरना-पड (७) पक्खल (६८)
पडिक्खल (७४) फिड, फिट्ट, फुड, फुट्ट, चुक्क, भुल्ल, भंस
चक्र की तरह घूमना-आवट्ट (६७) चखना-चक्ख (५१) आसाअ
(६८) चढना-चंप (५१) दुरुह (५८) चउ,
वलग्ग, आरुह (१०७) चबाना-चर (३१) चमक देना-ओप्प (२७) चमकना-दिप्प (५८) धिप्प (६६)
अग्घ, छज्ज, सह, रीर, रेह,
राय (१०३) चमकाना-लस (८५) सोह (९४)
गीला करना-थिम (३८) गुजरना-अइया (५६) गुनना-गुण (४६) गुरु को अपना अपराध
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