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आधार
सप्तमी विभक्ति
१. पक्खिणो रुक्खे चिट्ठति । २. असोगरुक्खम्मि सीया उवविसइ । ३. तिलेसुं तेल्लं विज्जइ।। ४. समेअसिहरे तवस्सिणो तवंति । ५. जुज्झाय सज्जेंति । ६. अंगुलीए अग्गे चंदिमा दिस्सइ ।
(क) अत्थंगयम्मि सो गिह आगो । (ख) रोअन्तीए माउए चइत्ता पुत्तो दीक्खिओ जाओ।
(ग) गवाणं गोसु वा सामी, आसाणं आसेसु वा इसरो अहिवई वा गआणं गउएसु वा पसूओ ।
(घ) गवाणं गवासु वा कसिणा बहुक्खीरा । साहूणं साहूसु वा हेमरायो पडू । कईसु वा बलभद्दो सेट्ठो। प्राकृत में अनुवाद करो
गाय का दूध मीठा होता है। कल्याणश्री प्रतिदिन दही खाती है। घी सब लोगों को सुलभ नहीं है । छाछ स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है । आजकल शुद्ध नवनीत का दर्शन दुर्लभ है ।हर घर में खोआ नहीं मिलता है। मैंने दूध की मलाई बहुत खाई है। दही की मलाई रोटी के समान मोटी है। कढी कौन नहीं खाता ? गरम खट्टी राब' मुझे बहुत प्रिय है । गोरस हमारे घर में नहीं है । रमेश के लिए प्रतिदिन राइता खाना संभव नहीं है। माता अग्नि जलाती है। जंयती पालनपुर में निवास करता है। आज श्रीखंड खाने की किसकी इच्छा है ? बच्चा अपना प्रमाणपत्र पिता को दिखाता है। लडके घर में ही खेलते है। हमारे घर के नीचे तुम रहते हो। तुमने पुस्तक कहां रखी है ? दिन में अनेक बार वहां जाना अच्छा नहीं है। राम अथवा गोपाल उसके पास जाए । जीव कहां से आया है ? यहां पर वह कितने दिन ठहरेगा ? विभक्ति का प्रयोग करो
१. वह प्रतिदिन जमीन पर सोता है । २. अशोकवृक्ष के नीचे बालक पढते हैं । ३. मिट्टी में सोना है। अरणिलक डी में आग है। ४. जनविश्वभारती में पारमार्थिक शिक्षण संस्था है। ५. गुरु दर्शन के लिए वह तैयार होकर जाता है। ६. उस पर्वत पर चंद्रमा है। अंगुली के सामने राम का घर है।
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