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________________ ५०० होमाणी, होमाणी होए - होएन्ती, होइन्ती होमाणी होआव -- होआवन्ती, होआवेन्ती आविन्ती, होआवमाणी होआवेमाणी होआवे - होआवेन्ती, होआविन्ती होआवेमाणी एकवचन होअ - होअन्तं, होएन्तं, होइन्तं होअमागं होएमाणं होए होएन्तं, होइन्तं, होएमाणं होआव —- होआवन्तं, होआवेन्तं होआविन्तं होआव माणं होआवेमाणं होआवे - होआवेन्तं, होआविन्तं आमा 1 नपुंसकलिंग एकवचन प्र०पु० हसावीअ -- हसावीअइ, हसाबीअए हसrates हसा विज्ज - हसाविज्जइ, हसाविज्जए हसा विज्जेइ Jain Education International हासीअ - हासीअइ, हासीअए प्राकृत वाक्यरचना बोध होमाणीओ, होमाणीओ होएन्तीओ, होइन्तीओ होमाणीओ होआवन्तीओ, होआवेन्तीओ होआविन्तीओ, होआवमाणीओ माओ होआवेन्तीओ, होआविन्तीओ होमीओ प्रेरकस्य भावे कर्मणि रूपाणि हसावीअ - हसाविज्ज- हासोअ-हासिज्ज (हस्- हास्य) अंगस्य भावे कर्मणि च वर्तमानकालस्य रूपाणि बहुवचन हो अन्ताई, होएन्ताई, होइन्ताई होअमाणाई, होएमाणाई होएन्ताई, होइन्ताई, होएमाणाई आवन्ताई, होआवेन्ताई होआविन्ताई, होआवमाणाइं होआवेमाणाइं होआवेन्ताई, होआविन्ताई होआवेमाणाई बहुवचन हसाव अन्ति, हसावीअन्ते, हसावीएन्ति, हसावीएन्ते, हसावीएइरे, हसावीइन्ति, हसवीइन्ते, हसावीइरे हावी अ हसाविज्जन्ति, हसाविज्जन्ते हसाविज्जिरे, हसाविज्जेन्ति हसाविज्जेन्ते, हसाविज्जेइरे हसाविज्जिन्ति, हसाविज्जिन्ते हसा विज्जइरे हासी अन्ति, हासीअन्ते, हासीइरे For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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