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परिशिष्ट २
४६६
होआवेहिमु, होआवेहिम
होआविहित्था होआवे-होआवेस्सं, होआवेस्सामि होआवेस्सामो, होआवेस्सामु होआवेहामि, होआवेहिमि होआवेस्साम, होआवेहामो
होआवेहामु, होआवेहाम होआवेहिमो, होआवेहिमु होआवे हिम, होआवेहिस्सा
होआवेहित्था
सर्वपुरुषेषु-सर्ववचन होअ-होएज्ज, होएज्जा, होइज्ज, होइज्जा होए होएज्ज, होएज्जा, होइज्ज, होइज्जा होआव-होआवेज्ज, होआवेज्जा, होआविज्ज, होआविज्जा होआवे-होआवेज्ज, होआवेज्जा, होआविज्ज, होआविज्जा
प्रेरके क्रियातिपत्त्यर्थरूपाणि
__ सर्वपुरुषेषु-सर्ववचन होअ---होएज्ज, होएज्जा, होइज्ज, होएज्जा होए होएज्ज, होएज्जा, होइज्ज, होइज्जा होआव-होआवेज्ज, होआवेज्जा, होआविज्ज, होआविज्जा होआवे-होआवेज्ज, होआवेज्जा, होआविज्ज, होआविज्जा
पुंलिग एकवचन
बहुवचन होअ-होअन्तो, होएन्तो होअन्ता, होएन्ता, होइन्ता
होइन्तो, होअमाणो होअमाणा, होएमाणा
होएमाणो होए होएन्तो, होइन्तो, होएमाणो होएन्ता, होइन्ता, होएमाणा होआव-होआवन्तो, होआवेन्तो होआवन्ता, होआवेन्ता, होआविन्ता
होआविन्तो, होआवमाणो होआवमाणा, होआवेमाणा . होआवेमाणो होआवे-होआवेन्तो, होआविन्तो होआवेन्ता, होआविन्ता होआवेमाणो
होआवेमाणा। आर्षे होअन्ते, होएन्ते होआवन्ते, होआवेन्ते (इत्यादीनि रूपाणि पूर्ववत्)
स्त्रीलिग एकवचन
बहुवचन होअ-होअन्ती, होएन्ती, होइन्ती होअन्तीओ, होएन्तीओ, होइन्तीओ
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