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________________ ३२ प्राकृत में अनुवाद करो साढू का नाम क्या है ? बुआ भतीजी से बात करती है । मौसी अभी तक अविवाहित है। भौजाई ननंद के दहेज से डरती है। मौसा आज हमारे यहां आएंगे । पुत्रवधू बहुत सुशील है । पत्नी क्रोध बहुत करती है । पोते की पत्नी में समर्पण की भावना कम है । जमाई धन मांगता है । सासू दामाद से बात करती है । माता पुत्री की सगाई करती है। पिता पुत्र का विवाह करता है । सीता अपने पुत्र का चुंबन लेती है । वह कुछ नहीं मांगता है । विभक्ति का प्रयोग करो (क) गाय का मालिक धनराज है । (ख) सुशीला का लड़का नहीं पढता है । (ग) गाय की आंख में पीडा है । प्राकृत वाक्यरचना बोध (घ) वृक्ष के फूल सुंदर हैं । (ड़) तू बहुत थोडा खाता है । (च) इसी समय वहां आओ । निश्चय ही वह तुम्हारे साथ जाएगा । धर्म के प्रति आस्था रखो। भैंस के दूध का दही अच्छा होता है । (छ) गायों का समूह रात में यहां बैठता है । (ज) चंदेरी का राजा कौन था ? १. गौतमस्वामी महावीर के समान हो गए । २. उसने क्या पढ़ा ? राज ने भाषण में क्या कहा ? कुलदीप ने बहुत अच्छा लिखा है | ३. पढने वालों में विभा प्रवीण है । अध्यापकों में रामविलास प्रवीण है । ४. वह पिता का स्मरण करता है । प्रश्न १. सम्बन्ध कितने प्रकार का होता है ? उसमें कौन-सी विभक्ति होती है ? २. षष्ठी विभक्ति कहां-कहां होती है ? ३. नीचे लिखे शब्दों के प्राकृत शब्द बताओ साढू, भौजाई, मौसी, बुआ, पुत्रवधू, ननंद, पौत्र की पत्नी, पत्नी । ४. इन धातुओं के अर्थ बताते हुए वाक्य में प्रयोग करो --- सिव्व, याच, चुंब, अल्लव, विवह । ५. हो धातु के कर्तृवाच्य के सब रूप लिखो । ६. नीचे लिखे अर्थों में कौन से अव्यय प्रयोग में आते हैं ? थोडा, इस समय, प्रति निश्चय । Jain Education International For Private & Personal Use Only दहेज, www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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