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________________ परिशिष्ट १ ४६५ नकारान्त पेम्म (प्रेमन) नपुंसकलिंग शब्द प्र० पेम्म पेम्माई, पेम्माइं, पेम्माणि द्वि० पेम्म पेम्माइँ, पेम्माइं, पेम्माणि (शेष रूप दामन् शब्द की तरह चलते हैं) ३७ नकारान्त अह (अहन्) नपुंसकलिंग शब्द प्र० अहं __अहाइँ, अहाई, अहाणि द्वि० अहं अहाइँ, अहाई, अहाणि (शेष रूप दामन् शब्द की तरह चलते हैं) ___३८ सकारान्त सेय (श्रेयस) नपुंसकलिंग शब्द एकवचन बहुवचन प्र० सेयं सेयाइँ, सेयाई, सेयाणि द्वि० सेयं सेया', सेयाई, सेयाणि (शेष रूप वण शब्द की तरह चलते हैं) सकारान्त वय (वयस) नपुंसकलिंग शब्द प्र० वयं वयाइँ, वयाई, वयाणि द्वि० वयं वयाइँ, वयाई, वयाणि (शेष रूप वण शब्द की तरह चलते हैं) ४० शतृ प्रत्ययान्त हसंत, हसमाण (हसत्) नपुंसकलिंग शब्द प्र० हसन्तं हसन्ताइँ, हसन्ताई, हसन्ताणि द्वि० हसन्तं हसन्ताइँ, हसन्ताई, हसन्ताणि (शेष रूप वण शब्द की तरह चलते हैं) प्र० हसमाणं __ हसमाणाई, हसमाणाई, हसमाणाणि द्वि० हसमाणं हसमाणाइँ, हसमाणाई, हसमाणाणि (शेष रूप वण शब्द की तरह चलते हैं) ४१ वत् प्रत्ययान्त भगवन्त (भगवत्) शब्द प्र० भगवन्तं भगवन्ता', भगवन्ताइं, भगवन्ताणि द्वि० भगवन्तं भगवन्ताइँ, भगवन्ताई, भगवन्ताणि (शेष रूप वण शब्द की तरह चलते हैं) . ४२ सकारान्त आउ, आउस (आयुष्) शब्द प्र० आउ आऊइँ, आऊइं, आऊणि द्वि० आउ आऊइँ, आऊइं, आऊणि (शेष रूप महु शब्द की तरह चलते हैं) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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