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स्वार्थिक प्रत्यय
प्रत्यय प्रयोग
चंदओ गगणयम्मि पगासइ । असोय पल्ल विल्लं पासिऊण संदेहो जाओ । कि तुज्झ मुहुल्लम्मि पूगीफलं अस्थि ? मज्झ हत्थे सव्वा सत्ती अत्थि । अहं एक्कल्लो न मि, संपुण्णसंघो मए सद्धि अस्थि । तुज्झ अवरिल्लो ववहारो सोहणी नत्थ | तुमं भमयाइ झाणं करेहि । सा सणिअं-सणिअं कहं चलइ ? मणियं फलरसं बालस्स वि देहि । मीसालिअं ओसहं न फलइ । अंधल्लो अत्थ कह आगओ ?
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प्राकृत में अनुवाद करो
सांप क्या खाता है ? बिच्छु क्यों पैदा होते हैं ? गिरगिट अपने रूपों को क्यों बदलता है ? आठ मंगलों में युगल मछली भी एक मंगल है । गिलहरी वक्ष पर चढती है । छछंदर कहां रहते हैं ? छिपकली रात में ही क्यों घूमती है ? अजगर सांप की तरह जीवों को डसता नहीं है, निगलता है । नेवले की शक्ति सांप से अधिक होती है । गोह का जहर बहुत प्रबल होता है ।
धातु का प्रयोग करो
बच्चों में धर्म के संस्कार (सक्कालो ) बोने चाहिए। वह विवाद को मिटाने के लिए प्रयत्न करता है । वह परस्त्री को माता के समान मानता है । क्या देश की सीमा पर सैनिक वसते हैं ? वह केवल ज्ञान का भार ढोता है । तुम्हारा व्यवहार मेरे मन को पीडा करता है । वीणा कौन बजाएगा ? न्याय का ग्रंथ हमें कौन पढाएगा ? वह अपने विचारों का अच्छी तरह प्रतिपादन करता है |
प्रत्यय प्रयोग करो
गगन में चंद्रमा कब उदय हुआ ? पहले पत्र पर लिखते थे। हाथ और मुंह को पानी से धो लो । उसे नया जीवन मिला है । वह अकेला ही साधना करता है । ऊपर का मकान खाली है। भौंह पर किस रंग का ध्यान करना चाहिए ? धीरे-धीरे उसने घर पर अधिकार कर लिया। थोडा खाना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है । मिश्रित और पीसी हुई दवा में वस्तु का ज्ञान हरेक को नहीं होता । उसका दीर्घजीवन कुछ लोगों के लिए हितकर रहा । मृदुता दूसरे के मन को जीतती है। बिजली आकाश में चमकती है । पीला पत्ता अपने जीवन की कहानी कहता है । अंधा मनुष्य आवाज से पहचान करता है ।
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प्रश्न
१. 'स्वार्थेश्च वा' इस नियम के अनुसार स्वार्थ में कितने प्रत्यय होते हैं । प्रत्येक के दो-दो उदाहरण दो ।
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