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परिमाणार्थ पत्यय
३२१ यावत् (जेत्तिसं, जेत्तिलं, जेद्दह) जितना तावत् (तेत्तिअं, तेत्तिलं, तेद्दह) उतना एतावत् (एत्तिअं, एत्तिलं, एद्दह) इतना
नियम ६४८ (मात्रटि वा ११८१) मात्र प्रत्यय के आकार को एकार विकल्प से होता है । इयन्मात्रम् (एत्तिअमेत्तं, एत्तिअमत्तं)। प्रयोग वाक्य
महुमक्खिआ जणा कया पीडइ ? भसलो रूवेण कण्हो भवइ । भद्दवये मासे मच्छिआओ बहुलाओ भवंति । मक्कुणो राओ वत्थम्मि पविसित्ता जणा पीडइ । सलहो पगासे पडइ जीवणं य नासइ । पिवीलिआ पुण्णदिवहं परिस्समइ । लिक्खा कत्थ वसइ ? जलूया मणुअस्स सरीरस्स रत्तं आगसइ । कीडो वेगेणं चलइ । तुम जूआओ कहं मारसि ? डंसा कत्थ उप्पज्जति ? वरिसाए इंदगोवा पासिऊणं बाला हत्थे गिण्हंति । झिगिरस्स वण्णो केरिसो भवइ ? अहं कण्णजल्याए भीएमि । उवदेही कट्ठमवि खाअइ। खज्जओ निसाए जहासत्ति पगासइ । तुमए केत्तिलामो लिक्खाओ मारिआओ? धातु प्रयोग
___रमेसो वग्गिउं न इच्छइ। सो पंचसंखं वग्गइ । तुमं सुए किं सहाए भासिवच्चिहिसि ? अहं संखं वज्जाविस्सामि । तुज्झ पासे किं वट्टइ ? अहं तस्स पयारं वण्णामि । सो तुं बद्धावेइ जं तुमं पढमो जाओ परिक्खाए। जो अहियं खाअइ सो वमइ । अहं अमुम्मि विसये किमवि न वयामि । प्रत्यय प्रयोग
तुमं केत्तिआ अंबा चूसिइच्छसि ? जेत्तिसं पाणि पिविउ तुम इच्छसि तेत्ति पिव । एत्तिअंकज्ज अवस्सं कर । एत्तिअमेत्तं मज्झ देहि । प्राकृत में अनुवाद करो
___इतनी मधुमक्खियां आकाश में क्यों उडती हैं ? वर्षा ऋतु में भौंरा मिट्टी से घर बनाकर किसको भीतर प्रवेश कराता है ? मक्खियां बहुत सताती हैं । खट्मल कहां ज्यादा होते हैं ? पानी की प्रचुरता से यहां मच्छर अधिक हो गए। पतंग में कितनी आसक्ति होती है ? कमरे में मकोडे घूमते हैं। चीटियों का श्रम सबके लिए अनुकरणीय है। लीख पैदा होने का कारण क्या है ? उसके सिर में कितनी जूएं हैं ? जौंक रक्त को क्यों पीती है ? दीमक किस भूमि में अधिक होते हैं ? जुगुनू के प्रकाश में तुम क्या करना चाहते हो ? कानखजूरा कान में कैसे घुस गया ? झींगुर की आवाज क्या तुमने सुनी है ? वीरबहूटी का रंग लाल होता है । डांस बहुत तेज काटता है । तिलचटा यहां बहुत कम है।
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