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परिमाणार्थ प्रत्यय
. शब्द संग्रह (कीडा आदि क्षुद्र जन्तु) मधुमक्खी-~-महुमक्खिा शलभ (पतंग)—सलहो भौंरा-भसलो
मकोडा-कीडो, पिवीलिओ मक्खी--मक्खिआ, मच्छिा कीडी-कीडी, कीडिया खटमल-मक्कुणो
लीख-लिक्खा मच्छर-मसओ
जू---जूआ दीमक-उवदेही
डांस-डंसो जुगुन-खज्जोओ
तिलचटा, झींगुर-झिगिरो (दे०) कानखजूरो-कण्णजलूया वीरबहूटी-इंदगोवो, इंदगोवगो जौंक-जलूया, जलूगा
धातु संग्रह वग्ग-कूदना, जाना
वण्ण--वर्णन करना वच्च-जाना
वद्धाव-बधाई देना वज्जाव-बजाना
वम-वमन करना वग्ग-वर्ग करना, किसी अंक णिव्वाव-बुझाना
को समान अंक से गुणा वट्ट-वरतना करना
वय-बोलना परिमाणार्थ प्रत्यय
परिमाण अर्थ में प्राकृत में इत्तिअ आदि प्रत्यय होते हैं।
नियम ६४६ (यत्तदेतदोतोरित्तिभ एतल्लुक च २।१५६) यत् (ज) तत् (त) और एतत् (एअ) शब्द परिमाण अर्थ में हों तो डावतु प्रत्यय को इत्तिअ आदेश होता है तथा एतत् शब्द का लुक हो जाता है। यावत् (जित्तिअं) जितना । तावत् (तित्तिअं) उतना । एतावत् (इत्तिअं) इतना ।
नियम ६४७ . (इदं किमश्च डेत्तिअ-डेत्तिल-डेदहाः २११५७) इदं (इम) किं (क) यत् (ज) तत् (त) एतत् (एअ) शब्द से परिमाण अर्थ में अतु और डावतु प्रत्यय को प्राकृत में डेत्ति (एत्तिम) डेत्तिल (एत्तिल) डेदह (एदह)-ये तीन आदेश होते हैं ।
इयत् (एत्तिअं, एत्तिलं, एदह) इतना कियत् (केत्तिसं, केत्तिलं, केद्दहं) कितना
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