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________________ प्राकृत वाक्यरचना बोध प्रत्यय का प्रयोग कम और खुत्तो प्रत्यय का प्रयोग अधिक हुआ है। नियम ६४५ (कृत्वसो हुतं २३१५८) कृत्वस् प्रत्यय को हुत्त आदेश होता है। ____ शतकृत्वस् (सयहुत्तं) सौ बार । एककृत्वस् (एगहुत्तं) एक बार । त्रिकृत्वस् (तिहुत्तं) तीन बार । त्रिकृत्वस् (तिक्खुत्तो) तीनबार (आगम प्रयोग) प्रयोग वाक्य देवालये झल्लरी निनायो होइ । तति को वाएइ ? तालवायओ संपइ अत्थ न आगओ। तुरियाणं णिणायो गगणं फुसे । भत्ता पूयाकाले देवालये घंट वाएइ । विज्जालये समय-सूअण8 घंटियाए पओगो भवइ । जुज्झस्स संखणिणायो जाओ । सो डिडिमं वाइऊण जणा संगहिऊणं य वाणरस्स खेलं पदंसइ । जीअस्स ढोल्लं को वाएइ ? मुइंगवायणं को जाणइ ? धातु प्रयोग अत्थ गद्दभो कहं लोट्टइ ? कि दहीइं सरला लोलिहिइ ? वागरणे इसण्णा (इत् संज्ञा) लोवइ । सलिलं वअलइ । साहू गामाणुग्गामं वईवयइ । सुसीलो जणा वंचइ । महेसो णियविआरा वंजइ । अत्थ किं वक्कमइ ? मुणी महावीरस्स जीवणं वक्खाइ । अहं पइदिणं आयरिअं वंदामि । प्रत्यय प्रयोग ___ तुज्झ मणो सायरब्व गहिरो । कुसुमव्व मिऊ तस्स हिययं । वायव्व सया गइमंतो ठायव्वं । अहं दसहुत्तो अमुम्मि गामे आगओ । मए सयहुत्तं लुचणं कयं। प्राकृत में अनुवाद करो . आज शाम को मंदिर में झालर देर से क्यों बजी ? वीणा का स्वर मधुर होता है । ताल का प्रयोग कौन करता है ? ग्रामों में मंदिर में पूजा के बाद शंख बजता है । तूर्य की ध्वनि दूर तक जाती है । घंटा दुर्ग में बजता है। डुगडुगी बजाने से लडके और पुरुष इकट्ठे हो जाते हैं। कई विवाहों में ढोल बजाया जाता है । साधना केंद्र में भी छोटी घंटी बजाकर समय की सूचना देते हैं । मदंग को सीखाने वाला कौन है ? युद्ध में नगारा बजाने से सैनिकों को जोश आता था। धातु का प्रयोग करो घोडा थकान मिटाने के लिए लेटता है । देवताओं और दानवों ने समुद्र का विलोडन किया। सूर्य के प्रकाश में चंद्रमा का लोप हो जाता है। बात बहुत जल्दी फैलती है। आयुष्य पल-पल जा रहा है । क्या तुम मुझे ठगना चाहते हो ? वह शब्दों के माध्यम से अपनी बात व्यक्त करना चाहता है । तुम Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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