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इव, कृत्वस् प्रत्यय
शब्द संग्रह (वाद्य वर्ग) झालर-झल्लरी
तूर्य---तुरिअं वीणा-तंती
घंटा-घंटो ताल-तालो
मृदंग-मुइंगो शंख-संखो
डुगडुगी-डिडिम छोटी घंटी-घंटिया
नगारा, ढोल-ढोल्लं (दे.) डमरु-डमरुगो
वाद्य-वाइअं
बजाना-वायणं भक्त-भत्तो
धातु संग्रह लोट्ट-लेटना
वंच-ठगना लोल-विलोडन करना वंज-व्यक्त करना लोव-लोपकरना,
वक्कम-उत्पन्न होना बअल--पसरना, फैलना वक्खा--विवरण करना, कहना वईवय-जाना
वंद-प्रणाम करना त्व और इत्त प्रत्यय
____ संस्कृत में इव (उसके जैसा) अर्थ में वत् प्रत्यय होता है । उस वत् प्रत्यय को प्राकृत में 'व्व' प्रत्यय आदेश होता है ।
नियम ६४४ (वते वः ॥१५०) वत् प्रत्यय को 'व्व' प्रत्यय होता
- मथुरावत् पाटलिपुत्रे प्रासादा: (महुरव्व पाडलिपुत्ते पासाया) मथुरा के जैसे पाटलिपुत्र में प्रासाद हैं। क्षत्रियवत् शूराः (खत्तियव्व सूरा) क्षत्रिय के समान शूर हैं। साधुवत् त्यागी (साहुव्व चाई) साधु जैसा त्यागी है । पर्वतवत् ऊर्ध्वम् (पव्वयव्व उड्ढं) पर्वत जैसा ऊंचा है। सुशीलवत् धर्मिष्ठा (सुसीलव्व धम्मिट्ठा) सुशील के जैसे धार्मिक हैं।
हुत्त प्रत्यय
___बार के अर्थ को बताने के लिए संस्कृत में कृत्वस् प्रत्यय आता है। प्राकृत में उस अर्थ के लिए हुत्त प्रत्यय का प्रयोग होता है । जैनागमों में हुत्त
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