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शीलादि प्रत्यय
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कम होती है । छोटी फुन्सी भी असावधानी से बहुत दुख देती है । एक साध्वी ने जलंधर रोग के कारण प्राण त्याग दिया ।
धातु का प्रयोग करो
जहां शंका हो वहां अपनी बुद्धि से निर्णय करना चाहिए। आम का वृक्ष यहां पैदा नहीं होता है। क्या तुम इस पानी के प्रवाह को लांघ सकते हो ? धन का लोभी धन के लिए दूसरों को कलंकित करता है । वह तुम से ज्ञान प्राप्त करता है । क्या तुम मुझे नहीं पहचानते ? तुम्हें देखकर वह क्यों शरमाती है ? विनय से विद्या प्राप्त होती है। जो विलास करता है वह अपना अमूल्य समय व्यर्थ में खोता है। वह विद्यालय से सम्मान ग्रहण करता है ।
प्रश्न
१. शीलादि के तीन अर्थ कौन से हैं ?
२. शील अर्थ में होने वाले प्रत्ययों को क्या प्रत्यय आदेश होता है । कोई पांच उदाहरण दो ।
३. ग्रीवाफूलन, कोढ, पागलपन, काणापन, कूबडापन, जलंधर, गूंगापन, गंजापन, भष्मकरोग, शोथ, पीठ में गांठ, कंपनवात, हाथीपगा, राजयक्ष्मा, उदररोग, हस्तविकलता, पंगुता, आंधासीसी, बवासीर, ब्याऊ, फुनसी आदि शब्दों के लिए प्राकृत शब्द बताओ ?
४. रोअ, रोह, लंघ, लंछ, लंभ, लक्ख, लग्ग, लज्ज, लल, लभ, लय --- इन धातुओं के अर्थ बताओ और वाक्य में प्रयोग करो ।
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