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________________ स्त्री प्रत्यय २७७ धातु प्रयोग खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! कुणियस्स रण्णो भिभिसारस्स आभिसेक्कं हत्थिरयणं पडिकप्पेहि। सो तुवं कहं पडिकोसेइ ? साहू मुहु-मुहु असंजमं पडिक्कमइ । तुम कं पडिक्खसि ? गगणत्तो पाणिबिंदूइं पडिक्खंति । तुम अप्पे परिस्समे किं पडिखिज्जसि ? साहू भिक्खं पडिगाहेइ पडिच्छइ वा। सोहणो संपुण्णं परिवार पडिजागरइ। सो जिणसासणे गिहवासत्तो पडिणिक्खमइ। प्राकृत में अनुवाद करो चिकित्सक आज घर पर नहीं है। वद्य नया शोध कार्य नहीं करता है। चित्रकार क्या चित्र बनाना सिखाता है ? कारीगर अपनी कला में बहुत प्रसिद्ध है। मिस्त्री के साथ कितने आदमी और हैं। ज्योतिषी तीनों काल को जानता है। कंबल बेचने वाला कहां से आया है ? ड्राइक्लीनर अपने कार्य में कुशल है। प्रतिमा बनाने वाला कब तक प्रतिमा बनाकर देगा? क्या तुम गवैया बनना चाहते हो ? वाद्य बजाने वाला कितना रुपया मांगता है ? नाचने वाला केवल मूक नृत्य करता है। चटाई बनाने वाले के पास जाकर कहो वह जल्दी अपना काम पूरा करके दे। बनिये की बुद्धि सबके पास नहीं होती है। जिल्दसाज जैन विश्व भारती में एक मास में दो बार आता है। रसोइया क्या विवाह में मीठाई बना देगा ? धातु का प्रयोग करो __ आज दीपावली है, घर की सजावट दीपकों से करो। लडाई में भाई भाई को गाली देता है। दो वर्ष के बाद वह व्यापार से निवृत्त हो जाएगा। उसने तुम्हारी प्रतीक्षा क्यों नहीं की? वह संयम से क्यों गिर गया ? तुम्हें देखते ही वह खिन्न क्यों होता है ? उसने मेरे द्वारा दिए गए वस्त्र ग्रहण क्यों नहीं किए ? आज के युग में जो परिवार का निर्वाह करता है, वही जानता है। दीक्षा के लिए उसने किस गांव से निष्क्रमण किया था ? प्रन १. पुंलिंग शब्दों को स्त्रीलिंगी बनाने के लिए कौन-कौन से प्रत्यय लगते २. स्त्रीलिंग में ङा और ङी प्रत्यय किस नियम से किन-किन शब्दों को __ होता है ? ३. स्त्रीलिंग में अन्त्य व्यंजन में किस नियम से क्या आदेश होता है ? उदाहरण सहित बताओ। ४. चिकित्सक, वैद्य, चित्रकार, कारीगर, मिस्त्री, ज्योतिषी, कंबल बेचने वाला, ड्राइक्लीनर, प्रतिमा बनाने वाला, गवैया, बजाने वाला, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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