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प्राकृत वाक्यरचना बोष
कितने प्रकार के जूते हैं ? तंबोली के पान मीठे नहीं है । ठठेरा तांबे से घडा बनाता है। धातु का प्रयोग करो
अग्नि ने गांव का एक भाग जला दिया। धनी लोग रत्नों को संभालकर रखते हैं । जो साधु बीमार साधु की सेवा करता है वह निर्जरा का लाभ कमाता है। किए हुए उपकार का बदला चुकाना चाहिए। वमन किए हुए पदार्थ को फिर से खाने वाला कौन है ? दिए हुए दान को कोई भी वापस ग्रहण करना नहीं चाहता। युद्ध में सेना कभी-कभी पीछे भी लौटती है । याद करने के लिए बाल साधु को पूर्ण प्रयत्न करना चाहिए। प्रतिक्रमण करते समय शुद्ध उच्चारण करना चाहिए। उसने इस बीमारी के बाद पुनः जीवन धारण किया है।
प्रश्न १. लिंग कितने प्रकार के होते हैं ? लिंग का ज्ञान आवश्यक क्यों है ? । २. तीन ऐसे शब्द बताओ जो संस्कृत में स्त्रीलिंग हैं और प्राकृत में
पुंलिंगी है ? ३. अक्षिवाची और वचन आदि शब्दों का प्राकृत में कौन-सा लिंग
होता है ? ४. कौन-से शब्द संस्कृत में नपुंसकलिंगी हैं और प्राकृत में पुंलिंगी हैं ? ५. भाववाची इमन् प्रत्ययान्त शब्दों का प्रयोग किस लिंग में होता है ? ६. धोबी, नाई, तेली, कुंभार, माली, दर्जी, सुनार, लुहार, भडभूजा,
जुलाहा, कंदोई, मोची, तंबोली, ठठेरा-इन शब्दों के लिए प्राकृत
शब्द बताओ। ७. पडिह, पडिअग्ग, पडिअर, पडिअर, पडिआइय, पडिआइय, पडिइ,
पडिउज्जम, पडिउच्चार, पडिउस्सस धातुओं के अर्थ बताओ और वाक्य में प्रयोग करो।
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