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प्राकृत वाक्यरचना बोध
नस में वीरत्व भरा है । वीर्य की सुरक्षा परम आवश्यक है। झिल्ली से शरीर की सुरक्षा होती है । उनकी तिल्ली ठीक प्रकार से काम नहीं करती है । धातु का प्रयोग करो
हमारी बातों को कौन ध्यान से सुनता है ? धूआं बहुत उठता है, देखो आग कहां जलती है ? जो त्याग करता है वह पाता है। घर में जो भी आता है उसे वह ठंडा पानी पिलाता है। शीतकाल में लोग स्थान-स्थान पर अग्नि जलाते हैं। स्कूल में आज सब लडके उपस्थित हैं ? बडे जनों की सेवा करनी चाहिए । नक्षत्र रात में ही प्रकाशित होते हैं । इस शहर में अब हमें नहीं रहना चाहिए। वे परस्पर क्यों शब्द करते हैं ? क्रियातिपत्ति प्रत्ययों का प्रयोग करो
___ मेरे पास पर्याप्त धन होता तो मैं विदेश अवश्य जाता । यदि वैद्य समय पर न पहुंचता तो रोगी मर जाता । यदि पास में जलाशय न होता तो सारा गांव जल जाता। यदि उसे भूखा रहना पडता तो वह स्वस्थ हो जाता। यदि वह भगवान के पास जाता तो उसके दुःख दूर हो जाते । यदि वह मेरे पास पढता तो पास हो जाता। यदि यहां आचार्यश्री का चतुर्मास होता तो धर्म की जागरणा होती। यदि वह प्रेक्षाध्यान करता तो रोग से मुक्त हो जाता।
प्रश्न १. क्रियातिपत्ति किसे कहते हैं ? २. क्रियातिपत्ति में किस नियम से क्या-क्या आदेश होता है ? ३. हो धातु के प्रथमपुरुष, मध्यमपुरुष और उत्तमपुरुष के एकवचन तथा ___ बहुवचन के रूप बताओ। ४. मांस, मज्जा, पीव, चर्बी, खून, नस, आंत, फेफडा, तिल, मसा, हड्डी,
वीर्य, तिल्ली, झिल्ली शब्दों के लिए प्राकृत शब्द बताओ। ५. पजल, पजह, पज्ज, पज्जाल, पज्जुवट्ठा, पज्जुवास, पज्जोय, पज्जोसव,
आयण्ण, पज्झंझ धातुओं के अर्थ बताओ और वाक्य में प्रयोग करो।
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